ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट (EORC) ने अब तेजी पकड़ ली है, क्योंकि इसका रूट अलाइनमेंट फाइनल कर दिया गया है। यह महत्वपूर्ण रेल कॉरिडोर ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के आउटर किनारे, यानी मसूरी की तरफ विकसित किया जाएगा। हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट कार्पोरेशन (HRIDC) को अब इसका विस्तृत सर्वे और डिटेल फिजिबिलिटी स्टडी रिपोर्ट तैयार करने की अनुमति मिल गई है।
लखनऊ में हुए एक प्रजेंटेशन के दौरान HRIDC ने मुख्य सचिव को गूगल अर्थ के जरिए इस कॉरिडोर का अलाइनमेंट दिखाया। प्रस्तुति में बताया गया कि आबादी और शहर की दिशा में निर्माण करने से कई व्यावहारिक चुनौतियां आ सकती हैं, इसीलिए इसे आउटर साइड यानी कम आबादी वाले क्षेत्र में विकसित करना बेहतर होगा। मुख्य सचिव की सहमति के बाद अब यह प्रोजेक्ट एक निर्णायक मोड़ पर आ गया है।
अब डिटेल रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगी, जहां से प्रोजेक्ट के अगले चरण की प्रक्रिया शुरू होगी। HRIDC पहले ही GDA अधिकारियों को इस अलाइनमेंट पर ब्रीफ कर चुका है।
प्रोजेक्ट से जुड़े प्रमुख फायदे:
- औद्योगिक और लॉजिस्टिक विकास: इस रेल कॉरिडोर के पास बड़े पैमाने पर औद्योगिक हब और लॉजिस्टिक पार्क विकसित किए जा सकेंगे, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
- रोजगार के नए अवसर: परियोजना के पूरा होने के बाद स्थानीय लोगों के लिए रोजगार की नई संभावनाएं खुलेंगी।
- उत्तर प्रदेश और हरियाणा को जोड़ने वाली कड़ी: 135 किलोमीटर लंबा यह कॉरिडोर दोनों राज्यों को रेल मार्ग से सीधे जोड़ेगा, जिससे यात्रा और माल ढुलाई में सुविधा बढ़ेगी।
- हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का विस्तार: यह प्रोजेक्ट हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का विस्तार माना जा रहा है, जो NCR क्षेत्र को अधिक सुगमता से जोड़ने की दिशा में अहम कदम है।
इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन से न केवल गाजियाबाद बल्कि पूरे एनसीआर क्षेत्र में विकास की गति को नया बल मिलेगा। अब सभी की निगाहें डिटेल रिपोर्ट पर हैं, जिसके बाद यह महत्वाकांक्षी योजना ज़मीनी हकीकत बन सकेगी।