ED raid on MLA Panwar house ends

Sonipat : Congress MLA के ठिकानों पर 35 घंटे से ज्यादा चली ED raid, टीम देर रात अपने साथ ले गई जरूरी दस्तावेज, Surendra Panwar बोलें जांच में पूरा किया सहयोग

बड़ी ख़बर राजनीति सोनीपत हरियाणा

हरियाणा के जिला सोनीपत में कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार के ठिकानों पर चल रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई खत्म हो चुकी है। बताया जा रहा है कि ईडी की टीम शुक्रवार देर रात करीब 11 बजे विधायक के सेक्टर-15 स्थित निवास से जरूरी दस्तावेज अपने लेकर दिल्ली की ओर रवाना हुई। अब आगे की कार्रवाई भविष्य के गर्भ में है। वहीं ईडी की कार्रवाई के बाद एक बार फिर विधायक के निवास पर कार्यकर्ताओं और समर्थकों की आवाजाही शुरू हो चुकी है। बताया जा रहा है कि 35 घंटे से ज्यादा समय में ईडी की टीम ने विधायक के ठिकानों पर मिले कई दस्तावेजों की जांच की है।

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोनीपत के कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार के निवास और कार्यालय में करीब 35 घंटे से ज्यादा समय तक जरूरी दस्तावेज खंगाले। टीम वर्ष 2013 से पहले के खनन के मामले में फर्म सम्बंधित दस्तावेज अपने साथ लेकर गई है। छापेमार कार्रवाई के दौरान स्थानीय पुलिस के साथ केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान भी विधायक के निवास पर तैनात रहे। किसी को अंदर जाने और बाहर आने की मंजूरी नहीं दी गई। ईडी की टीम वर्ष 2013 से पहले खनन में अनियमितताओं के एक मामले में दस्तावेज खंगालने विधायक के घर पहुंची थी। यमुनानगर में खनन एक मामले में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था, जिसकी शिकायत ईडी को भी भेजी गई थी।

पंवार 1

इस संबंध में ईडी की कार्रवाई के बाद विधायक सुरेंद्र पंवार ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि उन्हें मालूम नहीं है कि ईडी की टीम किस मामले के संबंध में उनके निवास पर पहुंची थी। ईडी एक स्वतंत्र एजेंसी है। जिसे जानकारी देना हमारा फर्ज है। टीम ने परिवार से जो भी दस्तावेज जांच के लिए मांगे थे, सभी दस्तावेज उन्हें सौंप दिए गए हैं। पंवार का कहना है कि परिवार और फर्म से संबंधित दस्तावेज ईडी की टीम को उपलब्ध करवाए गए हैं। भविष्य में भी जांच एजेंसी जो भी दस्तावेज की मांग करेंगी, हमारी तरफ से पूरा  सहयोग किया जाएगा।

Whatsapp Channel Join

गौरतलब है कि सोनीपत कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार खनन कारोबारी भी हैं। राजस्थान के अलावा उनका हरियाणा के जिला यमुनानगर में भी कारोबार है। यमुनानगर में खनन के एक मामले में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था, जिसकी शिकायत ईडी को भी भेजी गई थी। विधायक के निवास और कार्यालय सहित अन्य ठिकानों पर वीरवार सुबह करीब 8 बजे ईडी के 15-20 अधिकारी 6 गाड़ियों से पहुंचे थे। लगातार दूसरे दिन भी छापेमारी जारी रही। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वीरवार को हरियाणा के जिला सोनीपत, यमुनानगर और करनाल में अवैध खनन मामले में कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार और इनेलो के महासचिव अभय सिंह चौटाला के समधी दिलबाग सिंह और भाजपा नेता मनोज वधवा के निवास सहित अन्य ठिकानों पर छापा मार कार्रवाई शुरू की थी।

ईडी पंवार 2

बताया जा रहा है कि धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत यमुनानगर, सोनीपत, मोहाली, फरीदाबाद, चंडीगढ़ और करनाल में इन नेताओं और उनसे जुड़ी इकाइयों के करीब 20 ठिकानों पर छानबीन की जा रही है। धन शोधन का मामला पिछले दिनों यमुनानगर और आसपास के जिलों में हुए कथित अवैध खनन की जांच के लिए दर्ज की गई हरियाणा पुलिस की कई प्राथमिकियों से सामने आया है। ईडी ने हरियाणा के यमुनानगर जिले में कथित अवैध खनन से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के तहत वीरवार को तीनों नेताओं और उनके सहयोगी के ठिकानों पर छापा मार कार्रवाई की है।

सुरेंद्र पंवार विधायक 2

वर्ष 2022 में कांग्रेस ने विधायक को चेयरपर्सन बनाकर बढ़ाया है कद

सुरेंद्र पंवार के पास यमुना और अन्य क्षेत्रों में भी खनन के ठेके बताए जा रहे हैं। यह उनका मुख्य कारोबार है। साथ ही उनके सहयोगी सुरेश त्यागी के निवास पर भी ईडी की छानबीन जारी है। कांग्रेस सोनीपत से विधायक सुरेंद्र पंवार को सितंबर 2022 में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी का चेयरपर्सन बनाकर उनका कद बढ़ा चुकी है। बता दें कि कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर अपनी टीम को मजबूत करने के लिए कई राज्यों में टीमों का गठन किया था। जिसके तहत विधायक सुरेंद्र पंवार को चेयरपर्सन नियुक्त किया गया था।

रिजाइन 2

विधायक पंवार ने वर्ष 2022 में इस्तीफा देकर सबको चौंकाया

इससे पहले कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार ने जुलाई 2022 में अपने पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया था। हालांकि बाद में उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया था। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता के बयान के बाद स्थिति सबके सामने आई थी। बाद में इस्तीफा वापस लेने की घोषणा स्वयं विधायक पंवार ने की थी। इस बीच इस्तीफा देने के कारणों को लेकर लगातार चर्चाएं बनी रही।

गौरतलब है कि विधायक सुरेंद्र पंवार को 25 जून को व्हाट्सएप कॉल व मैसेज से विदेश से धमकी देकर 5 करोड़ की रंगदारी मांगी गई थी। इस मामले में विधायक की शिकायत पर सोनीपत के सेक्टर-27 थाने में 27 जून को मुकदमा दर्ज किया गया था। सुरक्षा मुहैया करवाने के बावजूद सुरेंद्र पंवार धमकी के मिलने के बाद से असहज थे। उन्होंने ज्यादातर सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूरी बना ली थी। जिस पर विधायक पंवार ने कहा था कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का जनाजा निकल चुका है। जिसकी शिकायत एसपी और डीजीपी तक पहुंची थी।

इनेलो का चश्मा उतार थामा था कांग्रेस का हाथ, तभी बनें विधायक

सोनीपत के विधायक सुरेंद्र पंवार ने वर्ष 2014 में पहली बार सोनीपत विधानसभा क्षेत्र से इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। इस चुनाव में सुरेंद्र पंवार तीसरे स्थान पर रहे थे। चुनाव में उन्हें 29 हजार 826 वोट मिले थे। इसके बाद वर्ष 2019 में ठीक विधानसभा चुनाव से पहले सुरेंद्र पंवार ने इनेलो का चश्मा उतारते हुए कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। इस चुनाव में सुरेंद्र पंवार ने 79438 वोट लेकर अपनी जीत दर्ज करवाई थी।