प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने हरियाणा के जिला महेंद्रगढ़ के नारनौल में गैंगस्टर सुरेंद्र उर्फ चीकू के सहयोगियों के ठिकानों पर छापा मार कार्रवाई की है। केंद्रीय एजेंसियों की ओर से 1 वर्ष के भीतर यह तीसरी बड़ी कार्रवाई है। इससे पहले दो बार एनआईए गैंगस्टर के ठिकानों पर छापा मार कार्रवाई कर पूछताछ कर चुकी है। यह सहयोगी शराब और माइनिंग के कारोबार से जुड़े बताए जा रहे हैं। बता दें कि सुरेंद्र उर्फ चीकू कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा है।
छापे के दौरान अर्ध सैनिक बल के जवानों सहित स्थानीय पुलिस बल भी मौजूद है। बता दें कि सुबह सबसे पहले ईडी के अधिकारियों की टीम गांव हुडीना रामपुरा में शराब कारोबारी एवं पूर्व सरपंच नरेश कुमार उर्फ नरसिंह और शहर के मेहता चौक निवासी शराब कारोबारी अंकुश के यहां पहुची। इनके अलावा सेक्टर-1 निवासी माइनिंग कारोबारी विनीत कुमार और गांव गहली में शेर सिंह उर्फ हैप्पी के यहां छापा मार कार्रवाई की गई। बताया जा रहा है कि इनका संबंध गैंगस्टर सुरेंद्र उर्फ चीकू से है।
जानकारी अनुसार एनआईए की ओर से गैंगस्टर सुरेंद्र उर्फ चीकू पर करीब 1 साल पहले भी छापामार कार्रवाई की गई थी। उसके ठिकानों पर कार्रवाई करते हुए कई संपत्तियों को अटैच किया गया। फिलहाल सुरेंद्र उर्फ चीकू एनआईए के कब्जे में है। वहीं आज ईडी की टीम ने सुरेंद्र के शराब और माइनिंग कारोबार से जुड़े सहयोगियों के ठिकानों पर छापा मार कार्रवाई की है।
ईडी ने दर्ज किया मुकदमा, एनआईए भी कर रही जांच
जानकारी के अनुसार हरियाणा पुलिस ने सुरेंद्र उर्फ चीकू और उसके सहयोगियों पर अपहरण, हत्या, रंगदारी और आर्म्स एक्ट के मुकदमें दर्ज किए हैं। एनआईए भी उनके खिलाफ मामलों की जांच कर रही है। अब ईडी ने भी पीएमएलए के तहत मुकदमा दर्ज किया है। बताया जाता है कि सुरेंद्र उर्फ चीकू गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के अपराध से कमाए हुए धन को संभालता है। यह माइनिंग, अवैध शराब और टोल के जरिए काली कमाई करते हैं।
काली कमाई से खालिस्तानी आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने देने का आरोप
बता दें कि इससे पहले एनआईए ने सितंबर 2023 में लॉरेंस बिश्नोई और उसके सहयोगियों के ठिकानों पर छापमार कार्रवाई की थी। आरोप है कि लॉरेंस बिश्नोई के सहयोगियों ने मुख्य रूप से अवैध शराब की बिक्री और जबरन वसूली के माध्यम से भारी मात्रा में धन एकत्रित किया है। एनआईए की जांच से सामने आया है कि पैसा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और भारत के अन्य राज्यों में व्यापारियों और शराब ठेकेदारों से वसूला जाता है। आरोप है कि अधिकांश पैसा बिश्नोई के सहयोगियों द्वारा उनके परिवारों या रिश्तेदारों के नाम पर कृषि भूमि और संपत्तियों में निवेश किया गया है। इससे होने वाले मुनाफे का इस्तेमाल भारत के खिलाफ खालिस्तानी आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने में किया जाता है।
जानिए छापे से मिले कैश और सामान का क्या करती है ईडी
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जुड़ी छापामार कार्रवाई सामने आने के बाद हमारे दिमाग पर एक ही सवाल पैदा होता है कि टीम कार्रवाई से बरामद कैश और सामान का क्या करती है। इतना ही काफी समय से ईडी की छापा मार कार्रवाई के बारे में कुछ ज्यादा ही सुना जा रहा है। बीते कुछ समय में ईडी ने देश के कई भ्रष्ट नेताओं, नौकरशाहों और व्यापारियों के यहां कार्रवाई करते हुए सामान और अवैध संपत्ति को जब्त किया है। आखिर ईडी रेड से बरामद कैश, सामान और संपत्ति का क्या करती है। यह सवाल कई लोगों में मन में पैदा होता है।
बता दें कि ईडी की छापेमार कार्रवाई के बाद बरामद कैश, सामान और संपत्ति जब्त होने के बाद टीम का पहला काम उसकी रिपोर्ट तैयार करना है। इस दौरान अगर कैश ज्यादा बरामद होता है तो एसबीआई के अधिकारियों को मौके पर बुलाया जाता है। मशीन से कैश की गिनती के बाद उसकी रिपोर्ट तैयार की जाती है। डाटा तैयार होने के बाद ईडी इस कैश को किसी भी सरकारी खाते में जमा कर देती है, लेकिन इसका प्रयोग नहीं किया जाता और सुरक्षित रखा जाता है। हालांकि अगर किसी सामान या कैश पर कोई विशेष निशान हो तो ईडी की टीम भविष्य में इसे सुबूत के तौर पर रखती है। इन्हें सुरक्षित लॉकर में रख दिया जाता है।
बता दें कि कार्रवाई के पश्चात जमा किया गया कैश और सामान अंतिम कुर्की के लिए अदालत के सामने पेश किया जाता है। जब तक इससे संबंधित मुकदमा समाप्त नहीं होता, तब तक सभी चीजें बैंक में सुरक्षित रहती है। मुकदमे का फैसला सामने आने के बाद इसकी कुर्की कर दी जाती है। अगर मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी को दोषी करार नहीं दिया जाता और सारी संपत्ति लीगल निकलती है तो यह सब आरोपी को वापस लौटा दिया जाता है। उसे न्यायालय की ओर से बाइज्जत बरी कर दिया जाता है।