हरियाणा के करनाल में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में 50 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की है। यह मामला हरिहर ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड (SHHOPL) से जुड़ा है, जिसने फर्जीवाड़े से पंजाब नेशनल बैंक को 121.75 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया था।
ED ने मामले में शामिल राजेश कुमार, चिराग गुप्ता, गौतम गुप्ता, अशोक कुमार, और अमित कुमार गुप्ता की संपत्तियों को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत अटैच कर लिया है। इसमें करनाल और गुरुग्राम में घर, फैक्ट्री, जमीन, मशीनरी और बैंक में जमा रकम शामिल है।
कैसे हुआ 121.75 करोड़ का घोटाला?
यह घोटाला 2013 से 2019 के बीच हुआ, जब SHHOPL के निदेशकों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर बैंक से लोन लिया और फिर उसे गबन कर लिया। उन्होंने लोन के बदले गिरवी रखी गई संपत्तियों को गुपचुप तरीके से बेच दिया। साथ ही, लोन के पैसों को राजेश कुमार ने अपनी अन्य कंपनियों के खातों में घुमा लिया, जिससे इस धोखाधड़ी का ट्रैक छुपा लिया।
राजेश कुमार की चालाकी
ई-नीलामी में उसी गिरवी संपत्ति को राजेश कुमार ने फिर से खरीद लिया, जिन पर पहले से बैंक का लोन था। इस तरह, उसने न केवल बैंक को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया, बल्कि लोन की रकम से अपनी कंपनियों के नाम पर संपत्तियां भी बना लीं।
संपत्ति का अटैचमेंट और निवेश की जानकारी
इस घोटाले में राजेश कुमार के बेटे चिराग गुप्ता और गौतम गुप्ता ने भी भाग लिया और गुरुग्राम में फ्लैट खरीदे। इसके अलावा, चिराग गुप्ता ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में भी निवेश किया, जिसे अब ED ने अटैच कर लिया है।
कुल मिलाकर, ED की इस बड़ी कार्रवाई में 50 करोड़ की संपत्ति कुर्क की गई है, जिसमें करनाल और गुरुग्राम में संपत्तियां, मशीनरी, 10 लाख की FD और 17.40 लाख की नकदी शामिल हैं।