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गुरुग्राम में फर्जी दस्तावेजों के साथ रह रहे 8 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार, डिपोर्टेशन की तैयारी, पाकिस्तान के मिले संदिग्ध संपर्क

हरियाणा गुरुग्राम

➤गुरुग्राम पुलिस ने दस्तावेज जांच अभियान के दौरान 8 बांग्लादेशी नागरिकों को फर्जी दस्तावेजों के साथ पकड़ा।

➤जांच में पाकिस्तान के संदिग्ध नंबर और रोहिंग्या कनेक्शन की भी आशंका सामने आई।

➤अवैध प्रवासियों की धरपकड़ के लिए चार होल्डिंग सेंटर बनाए गए, 200 से अधिक संदिग्धों की जांच जारी।

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हरियाणा के गुरुग्राम जिले में गृह मंत्रालय के निर्देश पर चलाए जा रहे अवैध प्रवासियों की पहचान और दस्तावेज जांच अभियान के तहत गुरुग्राम पुलिस ने आठ बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए सभी लोगों ने भारतीय नागरिकता के फर्जी दस्तावेज पेश किए थे, जो जांच में फर्जी पाए गए। अब इन सभी को डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

पुलिस के अनुसार, अभी लगभग 200 और संदिग्ध लोगों की जांच चल रही है, जिनमें और भी बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों के छिपे होने की आशंका है। कुछ मामलों में मोबाइल डेटा की जांच के दौरान पाकिस्तान के संदिग्ध नंबरों से संपर्क की जानकारी मिली है, जिस पर साइबर क्राइम टीम जांच में जुटी हुई है।

यह अभियान पिछले एक महीने से लगातार चलाया जा रहा है, जिसमें झुग्गी-झोपड़ियों, निर्माण स्थलों, रेहड़ी-पटरी वालों, घरेलू कामगारों और किराएदारों की पहचान की जा रही है। पुलिस इन सभी लोगों के स्थायी पते, दस्तावेजों और गुरुग्राम में रहने की अवधि की बारीकी से जांच कर रही है।

चार होल्डिंग सेंटरों में डिटेन किए गए लोग

गिरफ्तार और संदिग्ध लोगों को रखने के लिए प्रशासन ने गुरुग्राम में चार स्थानों पर होल्डिंग सेंटर बनाए हैं:

  • सेक्टर-40 कम्युनिटी सेंटर: 40 लोगों को रखा गया
  • सेक्टर-10 कम्युनिटी सेंटर: 47 लोग डिटेन
  • बादशाहपुर कम्युनिटी सेंटर: 100 लोग
  • मानेसर कम्युनिटी सेंटर: 30 संदिग्धों को रखा गया

सभी सेंटरों पर CCTV निगरानी, स्वच्छता, और सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की गई है। पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार ने बताया कि डिटेन किए गए सभी लोगों को सुरक्षित और मानवीय माहौल में रखा गया है। किसी के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं हो रहा है।

फर्जी दस्तावेज बनवाकर किराए पर रह रहे हैं प्रवासी

पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि कई अवैध प्रवासियों ने गुरुग्राम का स्थानीय पता दिखाकर आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज बनवाए हैं। इनमें से अधिकतर ने किराए के मकानों का पता उपयोग किया है। इस पर पुलिस ने मकान मालिकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे बिना पुलिस वेरिफिकेशन के किसी को मकान किराए पर न दें।

अंडरग्राउंड हो रहे अवैध प्रवासी

जांच अभियान तेज होने से कई अवैध प्रवासी अब अंडरग्राउंड हो गए हैं। ऐसे लोग ग्रामीण इलाकों या अन्य शहरों की ओर भाग रहे हैं ताकि जांच से बच सकें। ये प्रवासी अधिकतर झुग्गी-झोपड़ियों और अस्थायी बस्तियों में रह रहे थे।

सुरक्षा और अपराध नियंत्रण की दिशा में अहम कदम

पुलिस का मानना है कि इस अभियान से जिले में आपराधिक गतिविधियों पर भी नियंत्रण संभव हो सकेगा, क्योंकि फर्जी दस्तावेजों के सहारे कई संदिग्ध लोग लंबे समय से शहर में छिपकर रह रहे थे।