हरियाणा सरकार अगले साल लोकसभा और विधानसभा के साथ 8 नगर निगमों के चुनाव भी करवा सकती है। तीन नगर निगमों का कार्यकाल पहले ही खत्म हो चुका है और पांच नगर निगमों का कार्यकाल दिसंबर माह में समाप्त होने जा रहा है। ऐसे में प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले नगर निगम चुनाव करवाए जा सकते हैं। बता दें कि तीन नगर निगमों का कार्यकाल समाप्त होने के साथ वहां के नेता और मतदाता भी चुनावों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
यह इशारा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष नायब सिंह सैनी के स्वागत समारोह के दौरान किया। मुख्यमंत्री ने संकेत दिया है कि हरियाणा में अगले साल लोकसभा और विधानसभा के साथ 8 नगर निगमों के चुनाव हो सकते हैं। संभवतः जनवरी या फरवरी माह में सरकार नगर निगमों के चुनाव करवा सकती है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भाजपा पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को एक टीम के तौर पर कार्य करना है। अगले साल लोकसभा और विधानसभा के साथ निगम चुनाव का भी सामना करना पड़ सकता है। तीन नगर निगमों का कार्यकाल पहले ही खत्म हो चुका है और पांच नगर निगमों का कार्यकाल दिसंबर में खत्म हो रहा है। ऐसे में नगर निगम चुनाव लोकसभा के पहले भी करवाए जा सकते हैं। सभी कार्यकर्ताओं को मजबूत तैयारी करनी होगी।
सरकार की कोशिश लोकसभा से पहले हो जाएं निगमों के चुनाव
बता दें कि फरीदाबाद, गुरुग्राम और मानेसर नगर निगम का कार्यकाल काफी समय पहले पूरा हो चुका है। इन तीनों के चुनाव लंबे समय से लटके पड़े हैं। वहीं, हिसार, पानीपत, रोहतक, यमुनानगर और करनाल नगर निगम का कार्यकाल दिसंबर में खत्म हो रहा है। ऐसे में सरकार आठों नगर निगम के चुनाव एक साथ करवा सकती है। सूत्रों के अनुसार सरकार की पूरी कोशिश रहेगी कि निगमों के चुनाव लोकसभा से पहले करवा दिए जाएं।
निगमों के चुनाव जीतने से लोकसभा से पहले बन सकता है पार्टी के लिए माहौल
अगर सरकार अधिकतर निगमों में चुनाव जीत जाती है तो लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी के लिए एक माहौल बन सकता है। कुछ महीनों से भाजपा का फोकस भी शहरी वोटरों की ओर ज्यादा है। मुख्यमंत्री ने भी शहरी मतदाताओं को कई राहत दी हैं। 800 से ज्यादा कॉलोनियों को नियमित किया जा चुका है। पानी के बिलों व संपत्ति कर में भी राहत दी गई है। इन आठों में से अधिकतर नगर निगम में भाजपा का दबदबा रहा है। हर जगह पार्टी के विधायक हैं। ऐसे में पार्टी की पूरी कोशिश रहेगी कि इन रियायतों को लोकसभा चुनाव से पहले कैश किया जाए।