Badesara murder case

खूनी रंजिश का अंत: Badesara Murder Case में बड़ा फैसला, सभी दोषियों को सजा

हरियाणा भिवानी

Badesara Murder Case: भिवानी में बडेसरा गांव में 15 जुलाई 2020 को हुए सुबे सिंह हत्याकांड में भिवानी की अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. संजीव आर्या ने दोषियों को कड़ी सजा दी। यह मामला झूठे दस्तावेजों के आधार पर महिला के सरपंच बनने और रंजिश के चलते खूनी खेल में बदल गया था, जिसमें पांच लोगों की जान ली गई।

हत्या की पूरी कहानी
घटना के दिन, बडेसरा निवासी सुबे सिंह अपनी बैठक के बाहर बैठे थे। उनके पोते मोहित ने चाय देने के लिए उन्हें आवाज दी, तभी आरोपी आनंद उर्फ बबलू और उसके साथी गाड़ी से उतरे और सुबे सिंह पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। आरोपी हत्या को अंजाम देकर मौके से फरार हो गए।

कोर्ट का फैसला
अदालत ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए निम्नलिखित सजा सुनाई:

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  1. आनंद उर्फ बबलू: धारा 302 और 120बी के तहत उम्रकैद और ₹10,000 जुर्माना।
  2. सूरज उर्फ श्रवण: धारा 302 और 120बी के तहत उम्रकैद और ₹10,000 जुर्माना।
  3. वीरेंद्र उर्फ बॉक्सर: धारा 302 और 149 के तहत उम्रकैद और ₹10,000 जुर्माना।
  4. सुमित और मंदीप: धारा 449 और 149 के तहत 10 साल कैद और ₹5,000 जुर्माना।
  5. शस्त्र अधिनियम: वीरेंद्र, सुमित, और मंदीप को 3-3 साल कैद और ₹2,000 जुर्माना।

पृष्ठभूमि
यह विवाद तब शुरू हुआ जब महिला सरपंच ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे पद हासिल किया। दूसरे पक्ष ने महिला सरपंच को जेल भिजवाने का प्रयास किया, जिसके बाद सरपंच के समर्थकों ने प्रतिशोध में पांच लोगों की हत्या की योजना बनाई।

पुलिस की मुस्तैदी
थाना बवानी खेड़ा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अभियोग दर्ज किया और साक्ष्य जुटाकर आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। अदालत ने इस गंभीर मामले में दोषियों के लिए किसी तरह की रियायत नहीं बरती।

सजा का असर
इस ऐतिहासिक फैसले ने न्याय व्यवस्था में लोगों का विश्वास मजबूत किया है। ग्रामीण क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही रंजिश का यह एक खतरनाक उदाहरण है, जिससे सभी को सबक लेना चाहिए।

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