गुरुग्राम की व्यस्त सड़कों पर सफर करने वाले लोगों के लिए बड़ी राहत की खबर है। अब जाम में फंसने से पहले ही वाहन चालकों को अलर्ट मिल जाएगा। गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस और गूगल मैप के बीच हुए करार के तहत, शहर की सड़कों पर होने वाले निर्माण कार्य, डायवर्जन और ट्रैफिक जाम की स्थिति को लेकर वाहन चालकों को पहले से ही जानकारी दी जाएगी। इस नई व्यवस्था में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से गूगल मैप पर लाइव अपडेट मिलेगा, जिससे लोग ट्रैफिक से बचकर आसानी से अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।
कैसे करेगा AI और गूगल मैप काम
गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस हर दिन सड़कों पर होने वाले डायवर्जन, निर्माण कार्य और ट्रैफिक ब्लॉकेज की जानकारी गूगल मैप को साझा करेगी। AI टेक्नोलॉजी की मदद से ये अपडेट वाहन चालकों तक लाइव पहुंचाए जाएंगे। जैसे ही कोई व्यक्ति गूगल मैप पर अपना रूट सेट करेगा, उसे ट्रैफिक जाम, डायवर्जन और निर्माण कार्य की जानकारी तुरंत मिल जाएगी। खास बात यह है कि यह अलर्ट सिर्फ स्क्रीन पर ही नहीं बल्कि वॉयस कमांड के जरिए भी दिया जाएगा, ताकि वाहन चालक बिना रुके सुगमता से सफर कर सकें।
डायवर्जन वाले रास्तों पर नहीं ले जाएगा गूगल मैप
अब तक गूगल मैप केवल ट्रैफिक डेटा के आधार पर वैकल्पिक रास्तों का सुझाव देता था, लेकिन इस नई व्यवस्था में ट्रैफिक पुलिस द्वारा पहले से दी गई जानकारी के आधार पर डायवर्जन और ब्लॉकेज वाले रास्तों को स्वतः ही अवॉइड किया जाएगा। यानी अगर किसी सड़क पर निर्माण कार्य चल रहा है या वहां पर ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है, तो गूगल मैप उस रास्ते को दिखाएगा ही नहीं, बल्कि सीधा दूसरा वैकल्पिक मार्ग सुझाएगा।
डिलीवरी बॉय और कैब राइडर्स को सबसे ज्यादा फायदा
गुरुग्राम में हर दिन लाखों लोग गूगल मैप का इस्तेमाल करते हैं, जिनमें सबसे अधिक संख्या डिलीवरी बॉय, कैब ड्राइवर और बाइक टैक्सी राइडर्स की होती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, शहर में रोजाना करीब 5 लाख वाहन चालक गूगल मैप की मदद से अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं। फूड डिलीवरी, ग्रोसरी डिलीवरी और ई-कॉमर्स सेक्टर में काम करने वाले लोगों को इस नई सुविधा से सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा, क्योंकि उन्हें सही रास्तों की सटीक जानकारी पहले से ही मिल जाएगी, जिससे वे समय पर डिलीवरी पूरी कर पाएंगे।
स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट की ओर कदम
गूगल मैप और AI आधारित इस नई पहल को गुरुग्राम में स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। ट्रैफिक से जुड़ी परेशानियों को कम करने के लिए इस तरह की तकनीकों का इस्तेमाल भविष्य में और बढ़ सकता है। आने वाले समय में अन्य शहर भी इस मॉडल को अपनाकर अपनी ट्रैफिक व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बना सकते हैं।