यमुनानगर के पूर्व आईएनएलडी विधायक दिलबाग सिंह ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गिरफ्तारी से बचने के लिए पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। उन्होंने याचिका में गिरफ्तारी और रिमांड ऑर्डर को रद्द करने की मांग की है, लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर कोई ऑर्डर नहीं जारी किया है। याचिका को 18 जनवरी तक सूचीबद्ध करने का आदेश दिया गया है।
बता दें कि दिलबाग सिंह की याचिका में उनके गिरफ्तार होने और रिमांड ऑर्डर को रद्द करने की मांग की गई है, जो कि कई अन्य याचिकाओं में भी हुई है। जिसमें धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में इस तरह की मांग है। याचिकाकर्ता पूर्व विधायक हैं और उन्हें हाई कोर्ट की एक डिवीजन बेंच को सुनवाई का रोस्टर सौंपा गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने दिलबाग सिंह को पांच दिन की कार्रवाई के बाद गिरफ्तार किया था, जिसमें कर्नाल, सोनीपत, और यमुनानगर में दबिश दी गई थी। गिरफ्तारी के बाद उन्हें दिल्ली ले जाया गया था। गिरफ्तारी के दौरान दिलबाग सिंह के घर से 5 करोड़ रुपए कैश, 4 विदेशी असलहे, 100 से अधिक विदेशी शराब की बोतलें और 4-5 किलो सोना बरामद हुआ था। यह सभी चीजें ईडी के कर्मचारियों ने दिलबाग सिंह के आवास से बरामद की थीं।
यमुनानगर में पूर्व विधायक दिलबाग सिंह की गिरफ्तारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई चार दिनों तक चली थी। उनके घर से बरामद हुए धन और अन्य सामान की बड़ी मात्रा ने मामले को और भी गंभीर बना दिया है। दिलबाग सिंह ने 2009 में आईएनएलडी से विधायक बना था और उन्हें अभय सिंह चौटाला के समधी बनाया गया था। उनकी यह गिरफ्तारी राजनीतिक क्षेत्र में सबसे बड़ी खबरों में से एक बन गई है। यह मामला हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए रखा गया है और 18 जनवरी तक निर्धारित किया गया है।

