पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन का आज चंडीगढ़ में अंतिम संस्कार हो गया है। उनके बेटे हरमन धवन, विक्रम धवन और प्रिया गुलाटी ने उनके अंतिम संस्कार में भाग लिया। श्मशान घाट में इस मौके पर समर्थकों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। पूर्व सांसद सतपाल जैन, पूर्व सांसद पवन बंसल, भाजपा नेता संजय टंडन, आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता प्रदीप छावड़ा, चंडीगढ़ प्रशासन के कई अफसर, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट न्यायधीश और वकीलों ने उनके अंतिम विदाई में शामिल होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
शहर के विभिन्न हिस्सों से लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए पहुंचे। इस मौके पर माहौल काफी गमगीन था और समर्थक उन्हें अमर रहें के नारे लगा रहे थे। उनके शव को तिरंगे में लपेटकर लाया गया था। पूर्व सांसद पवन बंसल ने उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि हरमोहन धवन का निधन शहर के लिए एक गहरी क्षति है। उनके अथक प्रयासों को समाज और विशेषकर वंचितों की भलाई के लिए याद रखा जाएगा। पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने भी हरमोहन धवन के निधन पर दुख व्यक्त किया और कहा कि उनका निधन एक खालीपन छोड़ गया है, राजनीतिक बिरादरी जिसे भरना चुनौतीपूर्ण होगा।
1970 में बने थे एसोसिएशन अध्यक्ष
बता दें कि हरमोहन धवन का जन्म 14 जुलाई 1940 को फतेहजंग जिला कैम्बलपुर (अब पश्चिमी पाकिस्तान) में हुआ था। उनका परिवार भारत आया था जब भारत-पाकिस्तान विभाजन हुआ। उन्होंने अंबाला छावनी में अपनी पढ़ाई पूरी की और वनस्पति विज्ञान में शिक्षा प्राप्त की। 1965 से 1970 तक उन्होंने एक शोध विद्वान के रूप में काम किया और उत्तर पश्चिम हिमालय के आर्थिक पौधों के साइटोलॉजिकल अध्ययन पर अपनी शोध रिपोर्ट प्रस्तुत की। 1970 में उन्होंने एक लघु उद्योग इकाई शुरू की और चंडीगढ़ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष बने। हरमोहन धवन ने 1977 में राजनीति में कदम रखा और दिवंगत प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के मार्गदर्शन में 1981 में जनता पार्टी के अध्यक्ष बने। 1989 में वह चंडीगढ़ से संसद सदस्य बने और चंद्रशेखर की सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री रहे।
जीएमसीएच का अस्पताल भी शामिल
चंडीगढ़ का सेक्टर-32 स्थित जीएमसीएच उनकी दान है, जिससे आज भी कई राज्यों के लोग फायदा उठा रहे हैं। हरमोहन धवन ने शहर को विकास की कई सौगातें दीं, जिसमें सेक्टर 32 जीएमसीएच का अस्पताल भी शामिल है। उनका योगदान से 1999 में चुनाव जीता गया था और उन्होंने चंडीगढ़ को कई और विकास कार्यों से भी नवाजा। पूर्व सांसद पवन बंसल ने भी उन्हें सराहा और कहा कि वह काफी सरल स्वभाव के व्यक्ति थे और उनका योगदान काफी बड़ा है। हरमोहन धवन का निधन एक युग के अंत को सूचित करता है, जिनके प्रयासों ने चंडीगढ़ को स्थायी रूप से बदल दिया। उनकी यादें हमें उनके देशभक्ति और समर्पण की ओर मोड़ने के लिए प्रेरित करती हैं।