Faridabad नगर निगम चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं, लेकिन कांग्रेस के लिए फरीदाबाद की मेयर सीट गले की हड्डी बन गई है। पार्टी ने गुरुग्राम, हिसार, रोहतक, करनाल समेत 8 नगर निगमों के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है, मगर फरीदाबाद में अब तक स्थिति साफ नहीं हो पाई है। इसकी वजह कांग्रेस में चल रही अंदरूनी गुटबाजी है, जो टिकट बंटवारे में बड़ा रोड़ा बन रही है।

गुटबाजी ने उलझाया खेल
हरियाणा कांग्रेस में दो धड़े इस वक्त आमने-सामने हैं। एक गुट पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का है, तो दूसरा कुमारी शैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला का। दोनों खेमे अपने-अपने पसंदीदा उम्मीदवार को टिकट दिलाने के लिए जोर लगा रहे हैं। यही वजह है कि कांग्रेस नेतृत्व अब तक किसी नाम पर मुहर नहीं लगा पाया है। एक तरफ हुड्डा गुट, दूसरी तरफ शैलजा और तीसरी तरफ सुरजेवाला गुट के बीच खींचतान मची हुई है। इस खींचतान के चलते उम्मीदवार का नाम फाइनल नहीं हो पाया है।
फरीदाबाद से कौन-कौन हैं दावेदार
फरीदाबाद नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के टिकट के लिए कई दिग्गज नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। इनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं
- वेणुका खुल्लर – वे पूर्व कैबिनेट मंत्री महेंद्र प्रताप की बहू हैं और राजनीतिक रूप से मजबूत परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनकी उम्मीदवारी को कांग्रेस के एक गुट का समर्थन है।
- रेनू चौहान – वे वार्ड पार्षद रह चुकी हैं और जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं के बीच अच्छी पकड़ रखती हैं।
- लता रानी – वे यूथ कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता रिंकू चंदीला की पत्नी हैं और युवा नेताओं का समर्थन उनके पक्ष में है।
- वंदना ठाकुर – बल्लभगढ़ क्षेत्र से इनका नाम चर्चा में है। इस क्षेत्र में भी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का मजबूत आधार माना जाता है।
इन सभी दावेदारों के नाम पर पार्टी में मंथन जारी है, मगर गुटबाजी के चलते किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है।
बीजेपी को मिल सकता है फायदा
कांग्रेस की इस आंतरिक खींचतान का सीधा फायदा भाजपा को मिल सकता है। भाजपा पहले से ही पूरी रणनीति बनाकर मैदान में उतर चुकी है। मुख्यमंत्री नायब सैनी की अगुवाई में भाजपा फरीदाबाद समेत पूरे हरियाणा में मजबूती से चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस की गुटबाजी और उम्मीदवार में देरी से कार्यकर्ताओं का मनोबल गिर सकता है। वहीं, आम जनता के बीच भी यह संदेश जा सकता है कि कांग्रेस अब भी अपनी अंदरूनी कलह से नहीं उबर पाई है।