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8 दिन बाद रिहा हुए किसान नेता, 31 मार्च को पंजाब में मंत्रियों के घरों का घेराव करेंगे

हरियाणा

8 दिन बाद किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवण सिंह पंधेर और अभिमन्यु कोहाड़ समेत कई किसान नेता रिहा किए गए
● 31 मार्च को पंजाब में मंत्रियों के घरों का घेराव करेंगे किसान, सभी गिरफ्तार नेताओं की रिहाई की मांग
● 19 मार्च को केंद्र सरकार से वार्ता के बाद किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया था, बॉर्डर से हटाए गए थे प्रदर्शनकारी

Farmers Protest: पंजाब पुलिस ने गुरुवार देर रात किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के संयोजक सरवण सिंह पंधेर, अभिमन्यु कोहाड़ समेत कई किसान नेताओं को पटियाला और मुक्तसर जेल से रिहा कर दिया। ये सभी किसान 19 मार्च से पुलिस हिरासत में थे। रिहाई के बाद पंधेर ने कहा कि वे बहादुरगढ़ किले जाएंगे और वहां साथी किसानों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा (नॉन पॉलिटिकल) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं। किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ के अनुसार, डल्लेवाल की हालत बेहद नाजुक है, क्योंकि उन्होंने 19 मार्च के बाद से पानी तक नहीं पिया है। इस बीच, SKM ने किसानों की रिहाई और जब्त की गई ट्रॉलियों की भरपाई के लिए 29 मार्च को पंजाब के डीसी ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।

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किसान संगठनों ने 31 मार्च को पंजाब में मंत्रियों के घरों का घेराव करने की घोषणा की है। अमृतसर में हरभजन सिंह ईटीओ और कुलदीप सिंह धालीवाल के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। किसान नेताओं का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। पुलिस कार्रवाई के बाद बॉर्डर से जब्त की गई ट्रॉलियों की खोजबीन के लिए एक विशेष कमेटी बनाई गई है, जो सभी जिलों के स्थानीय प्रशासन से संपर्क करेगी।

किसानों को हिरासत में लेने का पूरा मामला

19 मार्च को किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (नॉन पॉलिटिकल) के नेताओं ने चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों शिवराज सिंह चौहान, पीयूष गोयल और प्रह्लाद जोशी से बातचीत की थी। यह वार्ता लगभग चार घंटे चली, लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। अगली बैठक के लिए 4 मई की तारीख तय की गई थी। इसके बाद पंजाब सरकार ने किसानों से खनौरी और शंभू बॉर्डर खोलने को कहा, लेकिन किसानों ने जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रखने की बात कही।

बैठक खत्म होते ही पुलिस ने सरवण सिंह पंधेर को मोहाली में घेर लिया, जबकि जगजीत सिंह डल्लेवाल को एंबुलेंस में खनौरी बॉर्डर लौटते समय हिरासत में ले लिया गया। पुलिस ने अभिमन्यु कोहाड़, काका सिंह कोटड़ा, मनजीत राय और ओंकार सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई से किसानों में आक्रोश फैल गया और संगरूर में पुलिस व किसानों के बीच झड़प भी हुई।

19 मार्च की रात को पंजाब पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर खाली कराने के लिए सख्ती दिखाई। भारी पुलिस बल तैनात किया गया और किसानों के अस्थायी निर्माण हटाकर तंबू और मंच बुलडोजर से तोड़ दिए गए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर बॉर्डर पूरी तरह खाली करा दिया।

20 मार्च को हरियाणा पुलिस ने भी शंभू और खनौरी बॉर्डर की सीमेंट बैरिकेडिंग को हटाकर ट्रैफिक बहाल किया। 21 मार्च को पंजाब पुलिस ने हाईवे से किसानों की ट्रॉलियां हटाईं, जिससे दोनों बॉर्डरों पर यातायात सामान्य हो गया।

अब किसान संगठनों ने अपने आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी है और सरकार से सभी किसानों की रिहाई और उनकी जब्त ट्रॉलियों की भरपाई की मांग की है।