किसान आंदोलन के दौरान शंभू बॉर्डर पर तैनात एक अधिकारी कौशल कुमार की मौत हो गई है। कौशल कुमार की मौत के बाद पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने उनकी मृत्यु पर दुख व्यक्त किया है।
बता दें कि इससे पहले पानीपत के एक अन्य पुलिस अधिकारी हीरालाल की भी आंसू गैस के धुएं में दम घुटने से मौत हो गई थी। हीरालाल पानीपत के राजकीय रेलवे पुलिस में कार्यरत थे। उनकी मौत के समय किसान आंदोलन के कारण उनकी ड्यूटी अंबाला रेलवे पुलिस में थी। कौशल कुमार की मौत के पीछे का कारण यह है कि उनकी ड्यूटी घग्गर नदी के पास पुल के नीचे थी। वे 56 वर्षीय थे और जिला यमुनानगर के गांव कांजीवास के रहने वाले थे और अम्बाला अकाउंट ब्रांच में कार्यरत थे। उनकी मौत से हरियाणा पुलिस और उनके परिवारजनों को बड़ा झटका लगा है। उन्होंने अपनी सेवा के दौरान कई महत्वपूर्ण कार्य किए थे।

तबीयत बिगड़ने से एक पुलिस कर्मी की पहले हो चुकी मौत
हीरालाल की मौत का कारण यह है कि उनकी ड्यूटी शंभू बॉर्डर पर थी, जहां भीषण सर्दी के मौसम के बीच उनकी तबीयत बिगड़ी। उनकी उम्र 58 वर्ष थी और वे गुरदासपुर के थे। किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा पुलिस के दो अन्य अधिकारी की मौत हो चुकी है। घटना ने पुलिस विभाग को गहरा आहत किया है। इसके अलावा किसान आंदोलन के दौरान गुरदासपुर के किसान ज्ञान सिंह की भी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है। उनके अंतिम संस्कार को उनके पैतृक गांव में किया गया।

संगठनों ने शहीद के रूप में किया सम्मानित
किसान संगठनों ने उन्हें किसान आंदोलन के पहले शहीद के रूप में सम्मानित किया है। यह सभी घटनाएं हमें यह याद दिलाती हैं कि पुलिस अधिकारियों का काम बहुत ही कठिन होता है और वे हमारी सुरक्षा में अपना जीवन खतरे में डालते हैं। हमें उनके साहस और परिश्रम को सराहना करनी चाहिए। हम शोक और सहानुभूति के साथ पुलिस अधिकारियों और उनके परिवारों के साथ हैं, उन्हें इस मुश्किल समय में सहारा देना हमारा दायित्व है।