एक्सपोर्टर हड़ताल का असर अब अनाज मंडियों पर दिखाना शुरू हो गया है। सोनीपत के खरखौदा में भारतीय किसान नौजवान यूनियन के बैनर तले किसानों ने इकट्ठे होकर धान की खरीद शुरू कराने के लिए अनाज मंडी से एसडीएम कार्यालय तक रोष मार्च निकाला।
इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा अराजनीतिक के पदाधिकारी और किसानों ने मिलकर मार्केट कमेटी कार्यालय के सामने हल्ला बोल प्रदर्शन किया। सरकार और प्रशासन के खिलाफ खरीद को लेकर जमकर नारेबाजी की। वहीं किसी अति-आवश्यक आधिकारिक कार्य से बाहर गई हुई एसडीएम ने किसानों से फोन पर बात की और कहा कि वह कल सुबह 9 बजे स्वयं अनाज मंडी का दौरा करेंगी। दौरे के दौरान किसानों की समस्याएं सुनी जाएंगी। बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से बासमती धान की किस्म को 1250 रुपये प्रति टन एक्सपोर्ट करने को लेकर विवाद हो रहा है। एक्सपोर्टर ने हड़ताल की हुई है। जिसका असर आज मंडियों तक जा पहुंचा है और किसानों की फसल की खरीद नहीं हो पा रही है।

किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से बासमती किस्मों की धान का न्यूनतम निर्यात मूल्य 1200 डॉलर/टन तय किए जाने के बाद राइस मिलर्स हड़ताल पर चले गए हैं। जिससे कल सुबह से धान की खरीद बंद है। किसान की धान की फसल खुले आसमान के नीचे पड़ी है। किसान दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है, लेकिन कहीं भी फसल की खरीद नहीं हो रही है। किसानों ने सरकार से मांग की है कि बासमती किस्म की धान के निर्यात पर 1200 डॉलर/टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य की शर्त को हटाया जाए। तुरंत प्रभाव से धान की खरीद शुरू करवाई जाए।

अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि वर्तमान सरकार के 9 सालों में ऐसा कोई भी सीजन नहीं गया है, जिसमें किसानों की फसल खरीद सुचारू रूप से हुई हो। हर सीजन में किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा है। किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि 20 अक्तूबर को बड़ी संख्या में पंजाब-हरियाणा के किसान मोहाली में इकट्ठे होकर सरकार पर धान की खरीद शुरू कराने के लिए दबाव बनाएंगे।

किसानों ने आरोप लगाया है कि कल से ही धान की खरीद पूरे देश में नहीं हो रही है। सुबह से ही मौसम खराब है। ऐसे में किसानों की 6 महीने की मेहनत खराब हो जाएगी। उन्होंने कहा कि किसान अपनी फसल को लेकर खेत में परेशान है। वहीं ऐलान किया गया कि हरियाणा-पंजाब के किसानों की जल्द बैठक होगी। मसले को लेकर एक बड़ा फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन की अपनी जिम्मेदारी है कि वह किसानों की फसल की खरीद का काम शुरू करवाएं। किसानों का कहना है कि किसानों के साथ हुई परेशानी का खामियाजा जिन राज्यों में चुनाव हो रहा है, वहां पर सरकार को झेलना पड़ेगा।

इस मौके पर अनाज मंडी के प्रधान नरेश दहिया, समुंद्र तोमर, बलवान दहिया, प्रवेश दहिया, प्रवीण दहिया, बुधराम सिंह कोहाड़, रोहताश दहिया, बिजेंद्र दहिया, राजसिंह दहिया, रामकुंवार दहिया, देशपाल दहिया और प्रकाश दहिया सहित काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।