कुरुक्षेत्र के पिहोवा में ट्यूकर बॉर्डर पर दिनभर पुलिस और किसान आमने सामने रहे। सुबह 11 बजे किसान पंजाब की तरफ से आकर मारकंडा पुल पर जमा हो गए। पुलिस के जवानों ने पहली कतार में मोर्चा संभाल लिया। उनके पीछे ही आरएएफ के जवान मुस्तैद रहे।
हालांकि दोनों ओर से कोई पहल नहीं हुई। किसानों को बॉर्डर पर रोकने के लिए प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए थे। प्रशासन ने पुल पर नुकीले सरिये लगाने के साथ करीब 20 मीटर के बीच 12 लेयर की कड़ी सुरक्षा तैनात बना रखी थी। जिसमें सीमेंटेड की भारी-भरकम ब्लॉक से लेकर रोड रोलर और व्रज वाहन तैनात रहे। करीब 12 बजे के बाद पुल पर आसपास के गांव के कई किसान जमा हो गए, जिन्होंने हरियाणा सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। नारेबाजी होते ही पुलिस फोर्स एक्शन में आ गई और पिछली कतार में खड़े पुलिस के जवानों ने आगे आकर खड़े हो गए।

वहीं कुछ देर के बाद किसानों ने नारेबाजी बंद कर दी, करीब साढ़े तीन बजे सभी किसान लौट गए। करीब दोपहर सवा 12 बजे ट्रैक्टर के साथ किसान पुल पर रखे गए सीमेंट ब्लॉक को खींचकर ले गए। यह ब्लॉक पुल पर अलग-थलग रखा गया था। घटना के बाद करीब 2 बजे जिलाधीश शांतनु शर्मा और एसपी सुरेंद्र सिंह भौरिया ने बॉर्डर पर पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।
