फतेहाबाद में जुलाई माह में हुई भीषण बारिश और बाढ़ के कारण खराब हुई फसलों की रिपोर्ट सरकार तक पोर्टल के माध्यम से पहुंच गई है। पटवारियों और स्थानीय प्रशासन द्वारा फसल के खराब होने की वेरिफिकेशन होनी थी जो अब पूरी हो चुकी है।
भारी बारिश के कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ा। जिसके चलते सरकार ने नुकसान की भरपाई के लिए किसानों से खराब हुई फसलों का ब्यौरा मांगा था। किसानों ने पोर्टल पर अपनी खराब फसलों की जानकारी दे दी। पोर्टल के माध्यम से यह रिपोर्ट सरकार तक पहुंच गई है।
अधिकारियों ने भेजी सरकार को खराब फसलों की रिपोर्ट
फतेहाबाद में 189 गांवों के 10030 किसानों ने अपनी 76 हजार 196 एकड़ जमीन पर अपनी फसल खराब होने का ब्यौरा ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर डाला था। इसके बाद पटवारियों, कानूनगो, एसडीएम व डीसी ने इन फसलों की वेरिफिकेशन पूरी करनी थी जो पूरी हो चुकी है। वेरिफिकेशन के बाद रिपोर्ट सरकार तक जा चुकी है। पोर्टल पर ही यह काम होना था, केवल अधिकारियों को फसल खराब होने की वेरिफिकेशन करनी थी। जिसे समय रहते पूरा करके रिपोर्ट सरकार तक भेज दी गई है।
सरकार ने की थी 15 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की घोषणा
सरकार की ओर से किसी भी प्राकृतिक आपदा को लेकर 15 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की घोषणा की गई है। साथ ही पशुओं के लिए 15 हजार, मकानों के लिए 10 हजार तथा अन्य नुकसान के लिए पांच हजार रुपये देने का प्रावधान किया हुआ है।
बाढ़ में 1452 मकानों को हुआ नुकसान
इस बार बाढ़ व बारिश के कारण मकानों को नुकसान के लिए 1452 लोगों ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपने मकानों को नुकसान का ब्यौरा दिया है। इसके अलावा 42 पशुओं की मौत व 27 मामले ऐसे भी आए हैं, जिसमें बाढ़ के कारण लोगों ने अपने कपड़े व बर्तन खराब होने की जानकारी दी है।