यमुनानगर में पिछले 3 दिन से भीतर 2 बार रात के अंधेरे में कृषि योग्य यूरिया की कथित अवैध सप्लाई को किसान पकड़ रहे हैं, लेकिन कृषि अधिकारी की मिलीभगत से किसानो की मेहनत पर पानी फिर रहा है। देर रात यमुनानगर के मानकपुर इंडस्ट्री में गलू बनाने वाली फैक्ट्री के गेट से कृषि योग्य यूरिया से भरी एक पिकअप को पकड़ा, लेकिन सुबह होते ही उसे आधी अधूरी जांच के बाद छोड़ दिया गया।
बता दें कि बीती 3 रात के भीतर किसानों ने 2 बार कथित अवैध यूरिया खाद की सप्लाई को पकड़ा है, लेकिन यह किसानों की बेबसी कहें या फिर अधिकारियों की मेहरबानी की आधी अधूरी जांच के बाद खाद माफिया को हरी झंडी देकर छोड़ा जा रहा है। देर रात यमुनानगर की मानकपुर इंडस्ट्री में एक प्लाईवुड फैक्ट्री के सामने किसानों ने कृषि योग्य खाद की पिकअप पकड़ी। किसानों ने तुरंत डायल 112 को इसकी जानकारी दी। इसके बाद कुछ ही देर में डायल दोबारा के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। साथ लगते थाना सदर जगाधरी की एसएचओ कुसुम लता भी कुछ देर बाद मौके पर पहुंची। किसानों को उम्मीद थी कि इस बार खाद माफिया पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। रात में कृषि अधिकारी तो मौके पर नहीं पहुंचे, लेकिन सुबह किसानों को जगाधरी सदर थाने में बुलाया गया। जैसे ही किसान वहां पहुंचे खाद से भरी पिकअप को ड्राइवर वापस अपने घर ले जा रहा था, इसे देख किसान आग बबूला हो गए।

कृषि अधिकारियों की मिलीभगत आई सामने
कृषि योग्य खाद छोड़ने को लेकर कृषि अधिकारी ने जो दलील दी, वह तो हम आपको बाद में बताएंगे, लेकिन इससे पहले कृषि अधिकारियों की कार्यशैली सवालों के घेरे में आ गई। शिकायतकर्ता किसान नावेद ने बताया कि हमने कृषि योग्य यूरिया की पिकअप करीब 7:30 बजे पड़ी, लेकिन कृषि अधिकारियों की मिलीभगत की वजह से खाद माफियाओं पर कार्रवाई नहीं की गई।

सवालों के बीच फंसे क्वालिटी कंट्रोलर
कृषि विभाग के क्वालिटी कंट्रोलर इंस्पेक्टर बलबीर भान अपनी ही कार्यशैली की वजह से पत्रकारों के सवालों के बीच फंस गए। उन्होंने बताया कि हमने कृषि योग्य खाद को इसलिए छोड़ दिया क्योंकि उनके दो अलग-अलग किसानों के नाम बिल कटे हुए थे। लेकिन जो बिल काटे हैं वह रात 8:30 बजे कटे हैं। जबकि शिकायतकर्ता किसान का कहना है कि हमने खाद से भरी पिकअप करीब 7:30 बजे पकड़ी। शिकायतकर्ता ने मिलीभगत के आरोप अधिकारी बलबीर भान पर लगाए तो वह जवाब भी नहीं दे पाए। आप कृषि अधिकारी बलबीर भान को खुद ही सुन लीजिए।
प्लाईवुड फैक्ट्रियों की तादाद अच्छी खासी
जनरल की प्लाईवुड फैक्ट्री में कृषि योग्य खाद का इस्तेमाल करने से होता है, सैंकड़ों बार पकड़ा जा चुका है। खानापूर्ति की कार्यवाही करके उन्हें छोड़ दिया जाता है। ऐसा एक बार फिर हुआ है। क्या यह बार-बार होता रहेगा सवाल यह भी बड़ा है। बता दें कि यमुनानगर में प्लाईवुड फैक्ट्रीयों की तादाद अच्छी खासी है। प्लाईवुड में ग्लू का इस्तेमाल होता है, ग्लू बनाने के लिए यूरिया का प्रयोग किया जाता है। प्लाईवुड के लिए टेक्निकल यूरिया इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन प्लाईवुड फैक्ट्री में कृषि योग्य यूरिया खाद की सप्लाई ज्यादा हो रही है।