हरियाणा में रेवाड़ी जिले में जमीन को हथियाने को लेकर हुए खूनी संघर्ष होने के मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। केस में सबसे बड़ा चौंकाने वाला नाम सज्जन यादव का सामने आया है। खुद को केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का समर्थक बताने वाले युवा नेता सज्जन सिंह यादव पर गोली चलाने का आरोप है। परिजनों का कहना है कि जो आदमी वीडियों में बंदूक लेकर फायरिंग करता नजर आ रहा है वो सज्जन यादव ही है। पुलिस ने एफआईआर में कई बड़े लोगों के नाम दर्ज किए है। जिन पर पहले भी कई संगीन धाराए लगी हुई है। पुलिस इन सभी के आधार पर ही आगामी जांच कर रही है।
गांव डवाना निवासी राजबीर सिंह और उसके दो भाइयों ने बोलनी रोड पर जो जमीन है उसपर घर बनाया हुआ है। जहां पर वे अपने परिवार के साथ रहते है। रेवाड़ी का गढ़ी बोलनी रोड पॉश इलाका है। बोलनी रोड पर ही कसौला चौक तक जमीनों की कीमत बहुत ज्यादा है। राजबीर सिंह ने जिस जमीन पर घर बनाया हुआ है उसी को लेकर विवाद हुआ था।
पीड़ित ने तीन लोगों को ठहराया वारदात का इंतजार
राजबीर ने शिकायत में इस वारदात के लिए तीन लोगों को जिम्मेदार बताया है जिनमें बंजारवाड़ा का राकेश चुंग, कुंभावास का राकेश कुमार और कुतुबपुर मोहल्ला के सज्जन यादव इस वारदात में शामिल है। राजबीर ने आरोप लगाया है कि सज्जन यादव ने ही बंदूक से फायरिंग कि है। इसके अलावा राकेश चुग और राकेश कुमार भी बहुत ऊंचे लोग है।
पुलिस ने राकेश कुमार, राकेश चुग, सज्जन यादव के अलावा विक्की बेरियावास, शहबाजपुर निवासी संदीप ऊर्फ पितर, दिनेश, रोहित और लालपुर की ढाणी निवासी अमित सहित कई लोगों पर धारा 147, 148, 149, 323, 285, 427, 447, 506, और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है।
वारदात में परिवार के दस लोगों को आईं चोटें
गांव डिवाना निवासी राजबीर सिंह ने शिकायत में बताया कि 26 नवंबर को 80 से 90 लोग ट्रेक्टर, जेसीबी, फॉर्च्यूनर कार, स्विफ्ट कार और बाइकों पर उनके गांव में पहुंचे। वहां पहुंचते ही आरोपियों ने ट्रैक्टर और जेसीबी चलानी शुरु कर दी और परिवार के लोगों को जल्दी घर खाली करने को कहा। जब परिवारों वालों इसके लिए मना किया तो आरोपियों ने लाठी डंडों से सभी पर हमला कर दिया। हमले में राजबीर के अलावा परिवार के नौ लोगों को गंभीर चोटें आई है। आरोपियों ने उनकी गाड़ी, बाइक और ट्रैक्टर में भी आग लगाने की कोशिश की थी।
दो दिन बाद हुई मामले पर कार्रवाई
कसौला थाना प्रभारी मनोज कुमार ने बताया है कि उन्हें वारदात की शिकायत दो दिन बाद मिली है। घटना वाले दिन पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। पुलिस अधिकारी का कहना है कि उन्होंने अपने स्तर पर पूरी तरह से कार्रवाई की थी, लेकिन पीड़ित पक्ष ने किसी तरह की कोई शिकायत नहीं दी। जिसके कारण दो दिन तक कोई केस दर्ज नहीं हो सका। पुलिस ने खुद पीड़ित परिवार के लोगों से लिखित शिकायत देने को कहा। जिसके बाद उन्होंने शिकायत दी तो तुरंत ही केस दर्ज कर लिया गया।