Haryana के पूर्व CM Hooda ने किसानों के दिल्ली कूच का समर्थन करते हुए सरकार से तुरंत बातचीत कर उनकी समस्याओं का समाधान निकालने की मांग की। उन्होंने कहा कि किसानों की मुख्य मांग एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी है, जिसे पूरा किए बिना किसानों का भला नहीं हो सकता।
सरकार को तुरंत संवाद करना चाहिए
पूर्व सीएम ने कहा कि किसान जो समस्याएं लेकर आंदोलन कर रहे हैं, सरकार को लोकतांत्रिक ढंग से उनकी बात सुननी चाहिए। उन्होंने कहा, “प्रजातंत्र में हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है। अगर कोई कानून को हाथ में लेता है, तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन किसानों की बात सुनना सरकार की जिम्मेदारी है।”
सीएम के दावे पर सवाल उठाए
हुड्डा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के 24 फसलों पर एमएसपी देने के दावे पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “हरियाणा में 24 फसलें होती ही नहीं। मुख्यमंत्री बताएं कि ये 24 फसलें कौन सी हैं। धान जैसी मुख्य फसल पर भी किसानों को एमएसपी नहीं मिल रही। जब तक एमएसपी को कानूनी गारंटी नहीं दी जाएगी, तब तक किसानों को उनका हक नहीं मिलेगा।”
डीएपी और यूरिया की कमी पर निशाना
पूर्व सीएम ने राज्य में खाद की किल्लत का मुद्दा उठाते हुए कहा, “जब किसानों को डीएपी की सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब वह उपलब्ध नहीं हो पाई। अब जब किसानों को यूरिया की जरूरत होगी, तब इसकी भी कमी महसूस होगी। यह सरकार की प्रशासनिक विफलता को दर्शाता है।”
भाजपा सरकार पर प्रहार
हुड्डा ने भाजपा सरकार की नीतियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री का यह कहना कि किसान कांग्रेस शासित राज्यों में प्रदर्शन करें, सरासर गैर-जिम्मेदाराना है। एमएसपी की गारंटी देने का काम केंद्र सरकार का है। सरकार को किसानों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।”
नेताओं की मौजूदगी
इस दौरान हुड्डा के साथ हिसार से सांसद जयप्रकाश (जेपी) और सोनीपत से सतपाल ब्रह्मचारी भी मौजूद थे।
पूर्व सीएम ने सरकार से अपील की कि किसानों की मांगों को प्राथमिकता दी जाए और देश के अन्नदाताओं को उनके हक से वंचित न किया जाए।