Haryana पूर्व विधायक एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण से मुलाकात की और अपनी प्रमुख मांगों के संबंध में एक ज्ञापन सौंपा। उनकी प्रमुख मांगों में पेंशन की रिवाइजिंग, छत्तीसगढ़ की तर्ज पर चिकित्सा भत्ता और अन्य सुविधाओं की प्राप्ति शामिल है।
विस अध्यक्ष ने उनकी मांगों को प्रदेश सरकार के संज्ञान में लाने का आश्वासन दिया है और उनकी मांगों की समीक्षा के लिए देश की अन्य विधानसभाओं से भी जानकारी एकत्र करने के निर्देश दिए हैं। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रामबीर सिंह और महासचिव रणबीर मन्दौला ने पूर्व विधायकों की मांगों पर विस्तार से बात की।
हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने पूर्व विधायकों के प्रति सरकारी अधिकारियों के उपेक्षापूर्ण व्यवहार की शिकायत पर कहा कि हर पद पर बैठे व्यक्ति को शिष्टाचार और मान-सम्मान का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम सब एक ही समाज के घटक हैं और इसलिए हमें समाज में एक-दूसरे के प्रति सम्मान की भावना को विकसित करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि एक ऐसा वातावरण बनाने की आवश्यकता है जिसमें बड़े बुजुर्ग अधिकारपूर्वक युवाओं को मार्गदर्शन दे सकें और नैतिकता का विकास धरातल स्तर से होना चाहिए।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष को बताया कि छत्तीसगढ़ में पूर्व विधायकों को इलाज के लिए चिकित्सा भत्ता और अन्य सुविधाएं दी जाती हैं। उन्होंने मांग की कि हरियाणा में भी प्रतिमाह कम से कम 20,000 रुपए आउटडोर इलाज के लिए दिए जाएं और इनडोर इलाज के लिए कैशलैस कार्ड उपलब्ध करवाए जाएं। एसोसिएशन के महासचिव रणबीर मन्दौला ने बताया कि 60 वर्ष की उम्र के बाद पूर्व विधायकों को बैंक लोन नहीं मिलता है, जबकि हिमाचल प्रदेश में उन्हें 4% ब्याज पर लोन दिया जाता है।
उन्होंने हरियाणा में कार खरीदने व मकान की मुरम्मत के लिए 25 लाख रुपए का लोन देने की मांग की। यह राशि पेंशन से वसूली जा सकती है। उन्होंने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि को देखते हुए यात्रा भत्ते को भी बढ़ाने की मांग की। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में 2 लाख रुपए और झारखंड में 3 लाख रुपए प्रति वर्ष यात्रा भत्ता दिया जाता है। हरियाणा में यह भत्ता 10,000 रुपए से बढ़ाकर 25,000 रुपए प्रति माह किया जाना चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के लिए ‘नो लॉस-नो प्रोफिट’ के आधार पर पंचकूला में भूखंड की मांग भी की है।
पूर्व विधायकों ने कहा कि पिछले कई वर्षों से उनकी पेंशन नहीं बढ़ाई गई है। उन्होंने वर्ष 2016 में भत्ते और पेंशन संशोधन बिल के बारे में बताया, जिसमें पेंशन पर एक लाख रुपए का कैप लगाया गया था। इस कैप में मंहगाई भत्ता, यात्रा भत्ता आदि भी शामिल कर दिया गया।
इसलिए, पूर्व विधायकों ने मांग की कि मंहगाई भत्ते सहित सभी भत्तों से इस कैप को हटाया जाए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने बताया कि केंद्र और प्रदेश सरकारें पेंशनर्स को 80 वर्ष की आयु पर 20 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन देती हैं। उन्होंने इस स्लैब में संशोधन करने की मांग की है ताकि 65 वर्ष पर 5 प्रतिशत, 70 वर्ष पर 10 प्रतिशत, 75 वर्ष पर 15 प्रतिशत, 80 वर्ष पर 20 प्रतिशत और 85 वर्ष पर 30 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन दी जा सके। पूर्व विधायकों की पेंशन वृद्धि भी इसी तर्ज पर होनी चाहिए।