पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता बीरेंद्र सिंह के जींद रैली के बाद से तेवर बरकरार हैं। उनके एक बार फिर दावे हरियाणा की सियासत गर्मा गई है। बीरेंद्र सिंह का कहना है कि करीब 20 दिन में प्रदेश में भाजपा-जजपा का गठबंधन टूट जाएगा। बता दें कि बीरेंद्र सिंह यह दावा करने से दो दिन पहले चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात कर चुके हैं। बीरेंद्र सिंह का कहना है कि उनकी 2 अक्तूबर की रैली के बाद भाजपा के शीर्ष नेताओं से बातचीत हुई है। भाजपा के सभी नेता जजपा से गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ से मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद ही उन्होंने दावा किया है कि 15-20 दिन या एक माह के अंदर प्रदेश में भाजपा-जजपा का गठबंधन टूट जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात को लेकर कहा कि उनकी मुख्यमंत्री के साथ लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई है। चुनाव कैसे जीतना है, इस बारे में बातचीत की गई है।
बता दें कि हरियाणा में 90 विधानसभा हैं। प्रदेश में बहुमत की सरकार बनाने के लिए 46 सीटें जीतना जरूरी है। चुनाव के दोरान भाजपा के खाते 41 सीटें आई। 5 सीटों की कमी को पूरा करने के लिए भाजपा ने जजपा से गठबंधन किया है। जजपा की 10 सीटों को मिलाकर 51 सीटों के साथ भाजपा प्रदेश में सत्तासीन हुई। इसके बाद भाजपा से मनोहर लाल को मुख्यमंत्री और जजपा से दुष्यंत चौटाला को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बयान का किया समर्थन
पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के जाट सीएम और डिप्टी सीएम के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा का अब वाला बयान अच्छा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जजपा के दिन खत्म हो चुके हैं। यहां की जनता जजपा की सच्चाई जान चुकी है और आने वाले चुनाव में जजपा का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। चुनाव में जजपा को एक भी सीट मिलना मुश्किल है।
गठबंधन को लेकर क्या पक रही खिचड़ी
हरियाणा के राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिंह के भाजपा-जजपा गठबंधन टूटने के पीछे कई खास वजह हैं। बता दें कि भाजपा प्रदेश में जजपा के बिना भी सरकार बनाने की स्थिति में है। भाजपा के प्रदेश प्रभारी और त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देब लगातार प्रदेश के निर्दलीय विधायकों से संपर्क साध रहे हैं। बिप्लब देब को प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी मिलने के बाद से ही उनका पहला कदम यह रहा और उन्होंने निर्दलीय विधायकों से मुलाकात का दौर शुरू किया। जिसके चलते यह कयास लगाए जा रहे है कि गठबंधन को लेकर कुछ खिचड़ी पक रही है। ऐसे में भाजपा चुनाव से पहले क्या कदम उठा सकती है, इसका पूर्व मंत्री दावा कर रहे हैं।
ऐसे बदल रहे राजनीतिक समीकरण
हरियाणा में भाजपा नेता दोबारा सरकार बनाने को लेकर सतर्क नजर आ रहे हैं। उनकी सतर्कता के चलते ही बिप्लब देब के नेतृत्व में 4 निर्दलीय विधायक खुलकर भाजपा के समर्थन में आ चुके हैं। इनमें सोमवीर सांगवान, धर्मपाल गोंदर, रणधीर सिंह और राकेश दौलताबाद का नाम शामिल है। इनके अलावा ईडी की रेड पड़ने के दौरान से गोपाल कांडा भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल से संपर्क साधे हुए हैं। कयास है कि अगर भाजपा ने इन निर्दलीय विधायकों को अपना बना लिया तो प्रदेश में सरकार बनाने की नैया को पार लगाना कठिन नहीं होगा। 46 के आकड़े के साथ भाजपा प्रदेश में फिर से अपनी सरकार बना लेगी। साथ ही भाजपा को जजपा के गठबंधन रूपी सहारे की जरूरत नहीं पड़ेगी।