➤पूर्व विधायक रामनिवास ने PNB में फर्जी HSVP खाते खोलकर 100 करोड़ का घोटाला किया
➤ईडी के अनुसार, घोटाले की रकम से खरीदी गई फॉर्च्यूनर, पैसा परिवार के खातों तक पहुंचा
➤पंचकूला कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की, ईडी ने आगे और गिरफ्तारियों के संकेत दिए
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) से जुड़े 100 करोड़ रुपए के बड़े घोटाले में पूर्व विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। पंचकूला की विशेष अदालत में ईडी ने बताया कि सुरजाखेड़ा ने राजनीति में आने से पहले एक अकाउंटेंट के रूप में कार्य करते हुए पंजाब नेशनल बैंक (PNB), मनीमाजरा शाखा में फर्जी HSVP खाते खोले और करोड़ों की हेराफेरी को अंजाम दिया।
ईडी के अनुसार, सुरजाखेड़ा और उनके सहयोगियों ने 2015 से 2019 के बीच करीब 100 करोड़ रुपए नकद निकाले, जिनका उपयोग संपत्ति खरीदने और निजी फायदे के लिए किया गया। इस राशि का एक हिस्सा उनके अपने और उनकी पत्नी मंजीत सहित परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में गया। जांच में यह भी सामने आया कि इस अवैध धन से एक टोयोटा फॉर्च्यूनर खरीदी गई, जिसे बाद में सुरजाखेड़ा के नाम ट्रांसफर कर दिया गया, बिना किसी वैध दस्तावेज या भुगतान के।
ईडी ने पंचकूला कोर्ट को बताया कि यह मामला केवल आर्थिक अनियमितताओं का नहीं बल्कि एक योजनाबद्ध मनी लॉन्ड्रिंग का है, जिसमें नकदी बिचौलियों के जरिए एकत्र की गई और फिर तीसरे पक्ष के बैंक खातों के जरिए घुमाकर, व्यक्तिगत खातों में डाली गई।
ईडी की दलीलों के आधार पर विशेष अदालत ने 9 जून को गिरफ्तार किए गए रामनिवास सुरजाखेड़ा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि धन शोधन के गंभीर आरोपों के मद्देनजर, मौजूदा स्तर पर आरोपी को राहत नहीं दी जा सकती।
यह पूरा मामला 7 मार्च 2023 को दर्ज एक एफआईआर से जुड़ा है, जिसे HSVP के मुख्य लेखा अधिकारी चमनलाल ने दर्ज करवाया था। एफआईआर में कहा गया कि HSVP की आंतरिक प्रणाली में ऐसा कोई बैंक खाता दर्ज नहीं है, फिर भी उसमें से 70 करोड़ से अधिक के संदिग्ध डेबिट ट्रांजेक्शन किए गए। इसने पूरी व्यवस्था में मिलीभगत और आंतरिक भ्रष्टाचार की आशंका को बल दिया।
ईडी ने 26 अक्टूबर 2023 को प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) दर्ज कर जांच शुरू की थी। अब तक 21 करोड़ रुपए की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क की जा चुकी है, जिसकी पुष्टि नई दिल्ली स्थित न्याय निर्णय प्राधिकरण ने कर दी है।
गिरफ्तारी के बाद, अंबाला जेल में प्रक्रियात्मक देरी के चलते दोनों आरोपियों ने ईडी कार्यालय, चंडीगढ़ में रात बिताई। जांच अधिकारी यह मान रहे हैं कि आगे और गिरफ्तारियां, बैंक खातों की छानबीन और संपत्ति कुर्की की कार्रवाई की जाएगी।