हरियाणा के करनाल जिले के गढ़पुर टापू के पूर्व सरपंच ने मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर धान की फसल के फर्जी रजिस्ट्रेशन करके सरकार से 29.41 लाख रुपए की धोखाधड़ी की है। सरपंच ने अपने भाई-भतीजों के नाम से फसल का रजिस्ट्रेशन करवा दिया। इसके साथ ही, उन्होंने ग्राम सचिव, मंडी लेबर ठेकेदार, आढ़तियों और किसानों के साथ मिलीभगत करके फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है।
पोर्टल पर जिस जमीन का रजिस्ट्रेशन किया गया है, वह विवादित है और उस पर सुप्रीम कोर्ट में केस भी चल रहा है, अधिकारियों के मुताबिक संबंधित ज़मीन का रजिस्ट्रेशन किया ही नहीं जा सकता है। सीएम फ्लाइंग ने मामले की निष्पक्ष जांच की तो पाया कि कागजों में फसल पैदा हुई और कागजों में ही बिक गई। यह पूरा प्रकरण अधिकारियों से लेकर किसानों की मिलीभगत हुआ। इसके बाद गुप्तचर विभाग की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
गांव के ही एक व्यक्ति ने गुप्तचर विभाग को दी सूचना
पूर्व सरपंच ने ग्राम सचिव के साथ मिलकर ऐसा जाल बुना कि सरकार के ऑनलाइन सिस्टम को ही पंगु साबित कर दिया। हरियाणा राज्य भंडारण निगम द्वारा प्रति क्विंटल के हिसाब से 29 लाख 41 हजार 680 रुपए की धान खरीदी गई, जिस पर 65 हजार 519 रुपए कमीशन और 49 हजार 887 रुपए लेबर चार्ज भी सरकार ने अदा कर दिया। आरोपी खुश थे कि उन्हें बिना किसी मेहनत के लाखों रुपए का चूना सरकार को लगा दिया और उनके हिस्से में भी अच्छी रकम आ गई, लेकिन गांव के ही एक व्यक्ति ने गुप्तचर विभाग को पूरे प्रकरण की सूचना दी।
आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरु
सीआईडी डिपार्टमेंट ने सीएम फ्लाइंग को जानकारी दी और सीएम फ्लाइंग ने जांच शुरू की और पूरा मामला साफ कर दिया।इंद्री थाना के जांच अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि सीआईडी की तरफ से शिकायत मिली है। जिसमें गढ़पुर टापू की शामलात जमीन पट्टे पर न होने के बावजूद मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर फर्जी रजिस्ट्रेशन करके सरकार को वित्तीय नुकसान पहुंचाया है। धारा 420,467,468,471,120बी आईपीसी के तहत आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।