हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री और हॉकी प्लेयर संदीप सिंह को आज चंडीगढ़ कोर्ट में जूनियर महिला कोच के साथ हुए सेक्सुअल हैरेसमेंट केस में पेश होना पड़ा। सुनवाई के दौरान फिजिकल प्रेजेंस के लिए छूट की मांग करने के लिए अपील भी दी गई है। पिछले दिनों महिला कोच ने अपनी पहचान उजागर करने और आरोपी की जमानत के कारण जान का खतरा होने की आशंका जताई थी।
बता दें कि 2 दिसंबर को हुई सुनवाई में संदीप सिंह अपने वकीलों के साथ अदालत में पहुंचे थे, जबकि शिकायतकर्ता जूनियर महिला कोच भी अपने वकीलों के साथ मौजूद थीं। पीड़ित महिला कोच ने सुनवाई के दौरान सेशन कोर्ट में केस चलाने की मांग की है और इसके अलावा केस की सुनवाई डे टू डे बेसिस पर करने की भी अर्जी लगाई है। उन्होंने पंचकूला में कुछ लोगों द्वारा प्रेसवार्ता कर पीड़ित का नाम उजागर करने और उसे सार्वजनिक रूप से बदनाम करने वाले लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 228 ए, 449 और 500 के तहत कार्रवाई की अर्जी भी लगाई है।
पीड़िता ने अग्रिम जमानत का किया विरोध
पीड़िता ने अग्रिम जमानत का विरोध किया है और कहा कि आरोपी संदीप सिंह का हरियाणा में रहना बहुत खतरनाक है और उसकी जमानत मिलने के बाद उसे खतरा हो सकता है। उन्होंने या तो जमानत रद्द करने या कुछ शर्तें रखने की मांग की है, ताकि पीड़िता को कोई परेशानी न हो।
सरकार की सीआईडी कर रही पीछा
पीड़ित महिला कोच ने तीन महीने पहले भी आरोप लगाए थे कि हरियाणा सरकार की सीआईडी उसका पीछा कर रही है और इसके चलते उसकी जिंदगी में खतरा हो सकता है। संदीप सिंह पर केस में गैर जमानती धाराओं सहित कई धाराएं लगाई गईं हैं, जिसमें आईपीसी की धारा 342, 354, 506 और अन्य शामिल हैं।