हरियाणा के जिला पानीपत के पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत के नेतृत्व में मॉडल टाउन थाना की आठ मरला चौकी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। मामले में पुलिस ने गांव महराणा निवासी जिंदा दो महिलाओं के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र श्रम विभाग, औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग में जमा करवाकर मिलने वाली लाखों रुपये मुआवजा राशि हड़पने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर सरगना सहित पांच आरोपियों को काबू किया गया है। आरोपियों की पहचान गांव डाहर निवासी ललित, रमन, मुकेश और गांव महराणा निवासी विकास और श्रवण के रूप में हुई है।
केस नंबर 1
आठ मरला चौकी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर संदीप ने बताया कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दी शिकायत में गांव डाहर निवासी ममता पत्नी श्रवण कुमार ने बताया था कि वह और उसका पति मेहनत मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। उसने हरियाणा भवन निर्माण विभाग से कॉपी बनवाई हुई है। विभाग द्वारा मजदूरों को समय-समय पर सरकारी स्कीमों का लाभ दिया जाता है। उनसे वर्ष 2019 में डाहर निवासी ललित आकर मिला। उसने बताया कि वह भवन निर्माण मजदूर संगठन के तहत काम करता है। उसका एक कार्यालय गांव डाहर और दूसरा गोहाना में है।
ललित ने उन्हें बताया था कि सरकार की ओर से आपकी कॉपी में साइकिल व बर्तनों की स्कीम के 16 हजार रुपये भेजे गए हैं। वह उक्त स्कीम लगवाकर पैसे निकलवा देगा। इस काम के उसने 4 हजार रुपये मांगे। इसके बाद कॉपी व आधार कार्ड की फोटा कॉपी पर साइन करवाकर सारे दस्तावेज ललित अपने साथ ले गया। इसके बाद उसने साइकिल के लिए पैसे आने की बात कहते हुए ममला के पति का खाता नंबर ले लिया। इस दौरान वह खाता नंबर व फार्मो पर उसके पति के साइन करवाकर और काम के 4 हजार रुपये भी ले गया।
ममता कहना है कि 16 मई 2019 को उसके पति श्रवण के खाते में 2 लाख 15 हजार रुपये आए, वह यह राशि देखकर दंग रह गए। उसने और श्रवण ने ललित से इस बारे पूछा तो उसने बताया कि तुम्हारी फाइलों के साथ अन्य महिलाओं की फाइल भी लगाई थी। विभाग ने उन सब के इक्ट्ठे पैसे तुम्हारे खाते में डाल दिए। यह कहते हुए ललित ने उनसे खाते से सारे पैसे निकलवाकर ले लिए और उसके खाते में 16 हजार रुपये डाल दिए।
इसके बाद कॉपी रिन्यू करवाने के लिए उसने ललित से कहा तो वह कहने लगा विभाग द्वारा कॉपियों के सभी कार्य बंद कर दिए गए हैं। शुरू होने पर वह उसको बता देगा। कुछ दिन बाद उसने दूसरे व्यक्ति से कॉपी पर स्कीम लगवाई तो विभाग के पत्र से ललित द्वारा की गई धोखाधड़ी बारे उसको पता चला। उसका फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कर ललित ने विभाग से 2 लाख 15 हजार रुपये मुआवजा राशि उसके पति श्रवण के खाते में डलवाकर खुद हड़प ली। महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं के तहत मॉडल टाउन थाना में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।
केस नंबर 2
सब इंस्पेक्टर संदीप ने बताया कि गांव महराणा निवासी एक अन्य महिला बलजीत कौर पत्नी बलदेव ने भी उसके साथ हुई इसी प्रकार की धोखाधड़ी बारे आरोपी ललित के खिलाफ शिकायत देकर मॉडल टाउन थाना में मुकदमा दर्ज करवाया है। सब इंस्पेक्टर संदीप का कहना है कि पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत के नेतृत्व में मामले की जांच आठ मरला चौकी पुलिस द्वारा की गई।
पुलिस टीम ने मंगलवार देर शाम आरोपी ललित को गांव डाहर से गिरफ्तार कर पूछताछ की तो आरोपी ने अपने साथी रमन व मुकेश निवासी डाहर और विकास निवासी महराणा के साथ मिलकर वारदात को अंजाम देने बारे स्वीकारा। आरोपी ललित की निशानदेही पर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने पुलिस को बताया कि बलजीत कौर के साथ की गई धोखाधड़ी में उनके साथ उसका पति बलदेव भी शामिल था। उन्होंने इसके लिए बलदेव को 60 हजार रूपये दिए थे।
ममता के साथ की गई धोखाधड़ी में ललित, मुकेश व ममता का पति श्रवण शामिल था। दोनों ने इसके लिए श्रवण को 70 हजार रूपये दिए थे। पुलिस ने आरोपी श्रवण को गांव महाराणा से गिरफ्तार किया। उन सभी ने षड़यंत्र के तहत धोखाधड़ी से हड़पी नकदी को आपस में बाटकर ज्यादातर पैसे खर्च कर दिए। पुलिस ने बचे 7500 रुपये आरोपियों के कब्जे से बरामद कर पांचों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत जेल भेजा गया।