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अंबाला छावनी की करोड़ाें रुपये की जमीन से नगर परिषद का सरकारी बोर्ड गायब, एफआईआर

हरियाणा

  • अंबाला छावनी की बहुकरोड़ रुपये की जमीन से नगर परिषद का सरकारी बोर्ड रहस्यमयी तरीके से गायब
  • ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने FIR दर्ज करने के आदेश दिए, एसडीएम को कार्रवाई के निर्देश
  • बर्फखाना की लगभग 5 एकड़ सरकारी जमीन को लेकर सौ करोड़ के सौदे की चर्चाएं तेज

Ambala land dispute: अंबाला छावनी की सबसे चर्चित सरकारी जमीनों में शामिल बर्फखाना रोड की लगभग पांच एकड़ जमीन एक बार फिर विवादों में आ गई है, जब वहां पर नगर परिषद (एनपी) द्वारा लगाए गए सरकारी स्वामित्व के बोर्ड में से एक बोर्ड रहस्यमयी तरीके से रातों-रात गायब हो गया। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने इस मामले में FIR दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। यह बयान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिया।

विज ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि नगर परिषद ने इस जमीन पर दो बोर्ड लगाए थे जिसमें जमीन को सरकारी घोषित किया गया था और किसी प्रकार की खरीद-फरोख्त या प्लाटिंग को प्रतिबंधित किया गया था। लेकिन बर्फखाना रोड की तरफ लगा हुआ बोर्ड रात में किसी ने हटा दिया, जबकि बैंक रोड की तरफ वाला बोर्ड अभी भी मौजूद है।

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गुरुवार को विकास कार्यों की समीक्षा के लिए हुई बैठक में मंत्री ने नगर परिषद अधिकारियों से जवाब तलब किया और एसडीएम को निर्देश दिए कि मामले में FIR दर्ज की जाए। FIR के बाद ही इस बात की जांच शुरू हो सकेगी कि बोर्ड कब और किसने हटाया।

यह जमीन पहले से ही विवादों और चर्चाओं में रही है। करीब 100 करोड़ रुपये के सौदे की बातें सामने आ चुकी हैं। यहां लगभग ढाई-ढाई एकड़ की दो रजिस्ट्री हुई हैं। इससे पहले इस जमीन पर जेसीबी मशीन द्वारा सफाई की गई थी, जिसका एक पक्ष ने विरोध किया और मामला थाना अंबाला छावनी तक पहुंच गया। हालांकि, उस समय दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत नहीं दी थी।

14 मई को नगर परिषद ने जमीन पर बोर्ड लगाकर स्पष्ट किया था कि यह जमीन सरकार की है, न तो इसकी खरीद-बिक्री हो सकती है और न ही प्लाटिंग। कई मकान इस जमीन से सेटलमेंट के तहत खाली कराए जा चुके हैं, जबकि कुछ कोर्ट केस के जरिए हटवाए गए। अब भी कई कमर्शियल इकाइयां वहां स्थित हैं।