गोहाना के मिनी सचिवालय पर एक महीने से किसान बीमा कंपनी के खिलाफ अपना रोष प्रदर्शन कर रहे हैं। 30 दिन पूरे होने पर गुरनाम सिंह चढूनी गोहाना के मिनी सचिवालय पहुंचकर किसानों के धरने को संबोधित किया और समर्थन किया। वही ऐलान किया गया है कि आगामी 2 से 3 दिन के भीतर अगर प्रशासन में कंपनी के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया और किसानों को उनका हक नहीं दिया तो किसान बड़ा कदम उठाएंगे।
सरकार और प्रशासन की सह पर मॉडरल लूट किसानों के साथ हुई है। वहीं उन्होंने कंपनी के खिलाफ 420 का मुकदमा करवाने की मांग की है। वही गुरनाम सिंह ने कहा कि चुनाव में अगर बीजेपी का विरोध करते हैं, तो विपक्षी पार्टी को फायदा हो जाता है और यही एक सबसे बड़ी समस्या है। वहीं उन्होंने यह भी कहा है कि किसानों को अराजनीतिक रहना सबसे बड़ा आत्मघाती हमला है। वहीं उन्होंने हरियाणा में कैंडिडेट उतरने को लेकर कहा है कि हमारे पास पैसा नहीं है और यही हमारा सबसे बड़ा रोना है। पैसे के बिना चुनाव नहीं लड़ा जा सकता और आज हालात यह है कि किसान बॉर्डर पर बैठे हुए हैं और लाठी डंडे गोली खा रहे हैं। उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर भी कहा कि सरकार अभी कोई फैसला इसलिए नहीं ले रही है। वहीं उन्होंने कहा कि सरकार पर दबाव बनाने के लिए हम सभी को एकत्रित होना पड़ेगा।
29 के फैसले के बाद बनेगी आगामी रणनीति
वही गुरनाम सिंह ने किसान आंदोलन को लेकर कहा कि दो ग्रुप जिनके नेतृत्व में किसान आंदोलन चलाया जा रहा है। उनके सामने हाथ जोड़कर प्रस्ताव भी रखा है कि एक संगठन बना लीजिए। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि वह इस तीसरे संगठन में पीछे खड़े होकर बिना किसी पद की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा है कि 29 तारीख तक के फैसले का निर्णय एसकेएम अराजनीतिक का है और उसी के अनुसार आगे की रणनीति बनेगी।
307 का मुकदमा दर्ज करना अन्याय
वही गुरनाम सिंह ने कहा कि हरियाणा के कई नेताओं को उठाकर 307 का मुकदमा लगाया गया है। उन्होंने कहा है कि 307 का मुकदमा दर्ज करना अन्याय है। उन्होंने कहा है कि पुलिस की भर्ती गुंडागर्दी करने के लिए नहीं होती है। सुरक्षा करने वाले पुलिस कर्मियों ने ट्रालियों में घुसकर मारपीट की है, उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज होना चाहिए। वही सभी मुकदमें वापस लिए जाने की मांग उठाई है।
किसान कदम उठाएंगे, तो प्रशासन की निकल जाएगी चीख
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय सचिव गुरनाम सिंह चढूनी गोहाना के मिनी सचिवालय चल रहे धरना स्थल पर पहुंचे। गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि गोहाना फसल खराबे को लेकर अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया है और वही बीमा कंपनी द्वारा प्रीमियम राशि वापस लौटा दी गई है। सरकार और प्रशासन की सह पर मॉडरल लूट किसानों के साथ हुई है। वहीं उन्होंने कंपनी के खिलाफ 420 का मुकदमा करवाने की मांग की है और उन्होंने कहा है कि किसके दरवाजे पर जाएं कोई सुनता नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी सरकार और प्रशासन को बीमा कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर चेतावनी दी जा रही है। जब किसान कदम उठाएंगे, तो प्रशासन की चीख निकल जाएगी।
पार्टी के बॉस की चमचागिरी कर रहे नेता लोग
गुरनाम सिंह चढूनी ने चुनाव लड़ने की बात पर कहा कि राजनीतिक लोग अपना धर्म नहीं निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपनी पार्टी के बॉस की चमचागिरी नेता लोग कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि जनता को कंपनियों की गुलामी से बचाना है, तो जनता को राजनीति से बदलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जहां से कानून बनते हैं, वे लोग गंदे हो गए हैं और कहा कि राजनीति में जब तक अच्छे लोग नहीं भेजे जाएंगे, तब तक देश के पास कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं है।