Gurugram: BJP's performance weak in Manesar, Rao Indrajit's dominance remains intact

Gurugram: मानेसर में BJP का प्रदर्शन कमजोर, राव इंद्रजीत का दबदबा रहा बरकरार

गुरुग्राम

Gurugram के मानेसर में BJP की हार ने पार्टी को हैरान कर दिया। भाजपा ने राज्य के 10 में से 9 नगर निगमों में जीत दर्ज की, लेकिन मानेसर में पार्टी का प्रदर्शन उम्मीदों से बहुत अलग रहा। मानेसर की मेयर सीट पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा, जहाँ निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. इंद्रजीत ने भाजपा के सुंदरलाल यादव को हराया।

राव इंद्रजीत की खामोशी ने पलटा चुनाव का रुख
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का अहिरवाल क्षेत्र में व्यापक प्रभाव है। भाजपा को उम्मीद थी कि उनके समर्थन से पार्टी जीत हासिल करेगी, लेकिन टिकट वितरण में उनकी प्राथमिकताओं को नजरअंदाज किया गया, जिससे वे चुनाव प्रचार से दूर हो गए। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राव इंद्रजीत की खामोशी ने भाजपा के लिए बड़ा नुकसान किया, और इसके बावजूद डॉ. इंद्रजीत ने अपनी जीत सुनिश्चित की।

डॉ. इंद्रजीत ने मजबूत प्रचार किया, बढ़त बनाई
मानेसर में चुनाव प्रचार के दौरान डॉ. इंद्रजीत ने अपनी उपस्थिति हर कदम पर साबित की और लोगों से जबरदस्त समर्थन प्राप्त किया। चुनाव के पहले राउंड में ही उन्होंने 1638 वोटों की बढ़त हासिल की, और हर राउंड के साथ उनकी बढ़त में इजाफा होता गया। आखिरकार, उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार को 2293 वोटों के अंतर से हराकर मेयर की कुर्सी जीत ली।

Whatsapp Channel Join

क्या डॉ. इंद्रजीत भाजपा में शामिल होंगी?
चुनाव से पहले डॉ. इंद्रजीत ने कहा था कि यदि वह जीतती हैं, तो वह सरकार के साथ मिलकर काम करेंगी। अब उनकी जीत के बाद सवाल यह उठता है कि क्या वह भाजपा में शामिल होंगी या फिर निर्दलीय के तौर पर काम करेंगी। हालांकि, डॉ. इंद्रजीत ने इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है और कहा कि समय आने पर इसका खुलासा किया जाएगा।

मानेसर में पहली बार हुआ नगर निगम चुनाव
मानेसर नगर निगम का गठन 2020 में हुआ था, लेकिन पहला चुनाव 2025 में हुआ। यहां 65% वोटिंग दर्ज की गई, जो एक बड़ी संख्या है। डॉ. इंद्रजीत ने पहले से ही अपनी स्थानीय पहचान बनाई थी, जिसका फायदा उन्हें चुनाव में मिला।

पार्टी नेताओं के प्रयास के बावजूद हार
मानेसर में भाजपा के मेयर और पार्षद उम्मीदवारों को जिताने के लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी, पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर, और केंद्रीय मंत्री राव नरबीर सिंह ने कई जनसभाओं का आयोजन किया। बावजूद इसके, पार्टी अपनी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाई और हार का सामना करना पड़ा।

आगे क्या होगा?
मानेसर में इस हार के बाद भाजपा को कई सवालों का सामना करना पड़ रहा है, खासकर टिकट वितरण और पार्टी की रणनीतियों को लेकर। राव इंद्रजीत के समर्थन के बिना, भाजपा को अगले चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए रणनीति में बदलाव की जरूरत हो सकती है।

read more news