हरियाणा के Gurugram स्थित बंधवाड़ी लैंडफिल साइट पर शनिवार रात लगी भीषण आग 15 घंटे बाद भी काबू में नहीं आ सकी है। आग इतनी व्यापक है कि गुरुग्राम, फरीदाबाद और नूंह जिलों की फायर ब्रिगेड की 20 से अधिक गाड़ियां लगातार आग बुझाने में जुटी हैं। आग की लपटें अरावली की पहाड़ियों और जंगलों की ओर बढ़ रही हैं, जिससे बड़े पैमाने पर पर्यावरणीय खतरा पैदा हो गया है।
रात 10 बजे लगी आग, अब तक नहीं बुझी
शनिवार रात करीब 10 बजे आग लगने की सूचना मिलते ही गुरुग्राम की दमकल टीमें मौके पर पहुंचीं। आग पर काबू पाने की कोशिश की गई, लेकिन तेज हवाओं और कचरे की अधिकता के चलते आग फैलती रही। इसके बाद फरीदाबाद और नूंह से भी सहायता मंगवाई गई।
30 एकड़ में फैली लैंडफिल साइट, रोज 1,000 टन कचरा डंप
बंधवाड़ी लैंडफिल साइट गुरुग्राम और फरीदाबाद दोनों शहरों का कचरा संभालती है। करीब 30 एकड़ में फैली इस साइट पर रोजाना 2,000 से 3,000 टन कचरा डाला जाता है। आग ने न केवल साइट को चपेट में लिया, बल्कि इससे उठता धुआं आस-पास की करीब 1 लाख आबादी के लिए खतरा बन गया है।
अरावली की तरफ बढ़ी आग, आबादी क्षेत्र पर संकट
फायर डिपार्टमेंट के अनुसार, आग अब अरावली के जंगल और नजदीकी आबादी वाले क्षेत्रों की ओर बढ़ रही है। लोगों को सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन जैसी समस्याएं हो रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अप्रैल महीने में यह तीसरी आग की घटना है।
आग का कारण अज्ञात, जांच जारी
एमसीजी के अतिरिक्त आयुक्त महाबीर प्रसाद ने कहा कि आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि लैंडफिल पर विशेष रूप से गर्मियों में 24×7 दमकल वाहन तैनात होना चाहिए।
दिन में मंत्री का दौरा, रात में लगी आग
शनिवार दिन में ही शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल ने साइट का दौरा कर कचरा प्रबंधन में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। इसके कुछ घंटे बाद ही यह भीषण आग लग गई।
एनजीटी ने 2022 में लगाया था ₹100 करोड़ का जुर्माना
सितंबर 2022 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने बंधवाड़ी में पुराने कचरे के निस्तारण में विफल रहने पर हरियाणा सरकार पर ₹100 करोड़ का जुर्माना लगाया था। तब से साइट पर 12 लाख टन से अधिक कचरा जमा है।
पर्यावरणविद उठाएंगे मुद्दा
रविवार को पर्यावरणविदों का एक प्रतिनिधिमंडल पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह से मुलाकात करेगा। उनका कहना है कि सरकार की निष्क्रियता ने गुरुग्राम और अरावली क्षेत्र को “गैस चैंबर” बना दिया है। लोगों को अब पलायन की नौबत आ रही है।