Gurugram के पालम विहार थाना क्षेत्र में 17 साल की एक नाबालिग लड़की को बंधक बनाकर घरेलू काम कराया गया। यह लड़की झारखंड की रहने वाली है और उसके माता-पिता ने राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग से अपनी बेटी को रेस्क्यू करने की गुहार लगाई थी। इसके बाद पुलिस ने आयोग के आदेश पर सीनियर सिटीजन की कोठी से लड़की को रेस्क्यू किया।
प्रताड़ना का शिकार थी नाबालिग लड़की
पीड़िता के माता-पिता ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी को एक साल पहले झारखंड से लाकर गुरुग्राम में घरेलू काम करने के लिए रखा गया था। लड़की को यह वादा किया गया था कि उसे मुफ्त में रहने और खाने की सुविधा मिलेगी, साथ ही मेहनताना भी दिया जाएगा। लेकिन, शुरुआत में अच्छी तरह से रखने के बाद उसे प्रताड़ित किया जाने लगा। उसे लगातार घरों में काम कराया जाता था, कभी इस कोठी तो कभी उस कोठी, और समय से खाना या सोने की जगह नहीं दी जाती थी।
माता-पिता से मदद की गुहार
लड़की ने प्रताड़ना से तंग आकर अपने माता-पिता से संपर्क किया और अपनी स्थिति बताई। इसके बाद माता-पिता ने राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग से मदद मांगी। आयोग ने पुलिस को पत्र भेजा और लड़की को रेस्क्यू करने की अपील की।
पुलिस ने की सख्त कार्रवाई, कई कोठियां खंगालीं
सूचना मिलते ही थाना पालम विहार की पुलिस सक्रिय हो गई। पुलिस ने कई कोठियों की तलाशी ली, और आखिरकार 24 फरवरी को लड़की को सेक्टर-23 के एक सीनियर सिटीजन के घर से रेस्क्यू किया। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और आरोपियों की तलाश जारी है।
लड़की को संरक्षण केंद्र भेजा गया
मामले की जांच के बाद, लड़की को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के सामने पेश किया गया, जिसके बाद उसे जगन्नाथ आश्रम भेज दिया गया है। जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी सिमरन शर्मा ने बताया कि रेस्क्यू की गई नाबालिग लड़की को जगन्नाथ आश्रम में रखा जाएगा। इसके साथ ही लड़की के माता-पिता को सूचना दी गई है और वे गुरुग्राम आने वाले हैं।
सख्त कार्रवाई की जाएगी
पुलिस ने बताया कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी और लड़की को काम कराने वाले घरों के बारे में जांच की जा रही है। यह कदम न केवल पीड़िता के लिए न्याय सुनिश्चित करेगा, बल्कि ऐसे मामलों में कड़ी सजा दिलाने के लिए भी है।