Police success in Gurugram, LSD drug worth Rs 40 thousand recovered, smuggler arrested

Gurugram में पुलिस की कामयाबी, 40 हजार रुपये कीमत का LSD ड्रग बरामद, तस्करी करने वाला गिरफ्तार

गुरुग्राम

Gurugram में एंटी नारकोटिक्स सेल ने कोलकाता निवासी शाहबाज नामक युवक को गिरफ्तार किया है, जो दिल्ली के साकेत में पीजी में रहकर अंतरराष्ट्रीय ड्रग LSD (लिसर्जिक एसिड डाइएथाइलैमाइड) की तस्करी कर रहा था। पुलिस के अनुसार, आरोपी शाहबाज ने टोर ब्राउजर (डार्क ब्राउजर) का इस्तेमाल कर क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से विदेश से LSD का ऑर्डर किया और गुरुग्राम में रेव पार्टियों के लिए लाया।

आरोपी की गिरफ्तारी और छापेमारी
पुलिस ने शाहबाज के खिलाफ सुशांत लोक थाने में एफआईआर दर्ज कर उसकी गिरफ्तारी की। इस समय उसकी जांच की जा रही है और पुलिस दिल्ली और गुरुग्राम में उसके ठिकानों पर छापेमारी कर रही है ताकि वह डिवाइस बरामद किया जा सके, जिससे उसने ऑनलाइन ड्रग्स का ऑर्डर दिया था।

LSD छिपाने के लिए बच्चों के टैटू का इस्तेमाल
पुलिस ने शाहबाज से बच्चों के छोटे-छोटे टैटू बरामद किए, जो खाने-पीने की चीजों में पाए जाते हैं और जिन्हें बच्चे अपने शरीर पर चिपकाकर खेलते हैं। जब इन टैटू का वजन किया गया, तो इनका कुल वजन 27 ग्राम था। इन टैटू के भीतर LSD छिपा हुआ था, जिसकी भारतीय बाजार में कीमत 30,000 से 40,000 रुपये तक है।

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LSD का उपयोग और प्रभाव
एलएसडी (लिसर्जिक एसिड डायथाइलैमाइड) एक मतिभ्रम पैदा करने वाला ड्रग है, जिसका कोई रंग, खुशबू या स्वाद नहीं होता। इसका असर 15-20 मिनट में शुरू हो जाता है और लंबे समय तक बना रहता है। यह नशा दिमाग की सोचने की क्षमता को कम करता है और व्यक्ति को असमंजस की स्थिति में डाल सकता है, जिससे वह खुद या दूसरों को नुकसान पहुंचा सकता है।

रेव पार्टियों में LSD का बढ़ता क्रेज
पुलिस के मुताबिक, LSD का सबसे ज्यादा इस्तेमाल अमेरिका, रूस और यूरोपीय देशों में होता है। इसके अलावा, गुरुग्राम में रेव पार्टियों में भी इस ड्रग के इस्तेमाल के मामले सामने आए हैं। युवाओं में इस ड्रग का क्रेज लगातार बढ़ रहा है।

ऑनलाइन डिलीवरी और क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग
आरोपी शाहबाज ने टोर ब्राउजर का इस्तेमाल कर एक बायोनेस नाम के पोर्टल से LSD ऑर्डर किया था, जहां क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से पेमेंट किया जाता है और डिलीवरी ऑनलाइन की जाती है। इस ड्रग का आकार स्टांप टिकट जैसा होता है, जिसे सामान्यत: लोग पहचान नहीं पाते और ड्रग स्कैनर भी इसे पकड़ने में नाकाम रहते हैं।

सिंडिकेट की जांच जारी
अब पुलिस जांच कर रही है कि शाहबाज ने खुद ड्रग्स का ऑर्डर दिया था या वह किसी सिंडिकेट का हिस्सा था। पुलिस सिंडिकेट में शामिल अन्य लोगों की पहचान करने के लिए गंभीरता से जांच कर रही है।

इस घटना के बाद से पुलिस सतर्क हो गई है और गुरुग्राम में होने वाली रेव पार्टियों के लिए अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स की तस्करी के मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

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