Gurugram गुरुग्राम में दो नाइटक्लब के बाहर हुए बम धमाकों की जांच अब नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को सौंपी गई है। यह कदम गृह मंत्रालय के निर्देश पर उठाया गया है। धमाके 10 दिसंबर 2024 को सेक्टर-29 मार्केट में हुए थे। इन हमलों का मकसद क्लब मालिकों से रंगदारी वसूलना था या दहशत फैलाना, इसका पता लगाया जाएगा।

हमलों के बाद मुख्य आरोपी सचिन तालियान ने पूछताछ में खुलासा किया कि इस हमले के पीछे कनाडा में रह रहे गैंगस्टर गोल्डी बरार और उसके अमेरिकी सहयोगी रणदीप मलिक का हाथ था। पुलिस ने घटनास्थल से सचिन को गिरफ्तार किया था और उसके पास से पिस्टल, जिंदा कारतूस, और दो देशी बम बरामद किए थे।
बताया जा रहा है कि प्रारंभिक जांच में यह भी संदेह जताया गया कि बम धमाकों में बब्बर खालसा इंटरनेशनल जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन का हाथ हो सकता है। संगठन पर धमाके के जरिए व्यापारियों में डर फैलाने और रंगदारी वसूलने का आरोप है।
यह भी बताया जा रहा है कि पुलिस के मुताबिक, लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने क्लब के मालिकों से करोड़ों रुपये की रंगदारी मांगी थी। जब रंगदारी देने से इनकार किया गया, तो गैंग के सदस्यों ने धमाके की साजिश रची। रेकी के बाद 10 दिसंबर को सुबह क्लब के बाहर देसी बम से हमला किया गया।
गुरुग्राम पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से तीन को मुख्य आरोपी माना गया। एनआईए टीम जल्द ही गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ करेगी। जांच एजेंसी मामले की अंतरराष्ट्रीय साजिश और आतंकवादी संगठनों के गठजोड़ की गहराई से पड़ताल करेगी।