➤हरदीप छिल्लर ने ग्रीस में आयोजित अंडर-17 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में 110 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता
➤वह इस भार वर्ग में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय पहलवान बने
➤माता-पिता को बचपन में खोने के बावजूद हरदीप ने हार नहीं मानी और विश्व मंच पर इतिहास रच दिया
हरियाणा के बहादुरगढ़ से निकले पहलवान हरदीप छिल्लर ने दुनिया के दंगल में अपनी कुश्ती का ऐसा दम दिखाया कि पूरा देश गौरव से भर उठा। ग्रीस में आयोजित अंडर-17 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप 2025 में हरदीप ने 110 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर भारत को पहली बार इस वर्ग में गोल्ड दिलाया। इस ऐतिहासिक जीत के साथ हरदीप ने न केवल भारत बल्कि हरियाणा के खेल इतिहास में भी एक सुनहरा अध्याय जोड़ दिया है।
हरदीप छिल्लर का जीवन संघर्ष और सफलता की मिसाल है। महज सात साल की उम्र में माता-पिता को खो देने वाले हरदीप ने कभी हालात के आगे घुटने नहीं टेके। दादी और कोच की छाया में पले-बढ़े हरदीप ने मेहनत, अनुशासन और समर्पण को अपना हथियार बनाया। उन्होंने खुद को हर रोज निखारा और अंततः विश्व मंच पर खुद को सर्वश्रेष्ठ साबित कर दिखाया।
फाइनल मुकाबले में हरदीप ने अपनी रणनीति, ताकत और तकनीक से प्रतिद्वंदी को चित्त कर दिया। पूरे मुकाबले के दौरान उन्होंने आक्रामकता और नियंत्रण दोनों का बेहतरीन संतुलन दिखाया। उनके हर पॉइंट पर दर्शकों में भारतीय झंडा लहराने लगा।
इस गौरवमयी जीत पर पूरे हरियाणा में खुशी की लहर दौड़ गई है। भाजपा हरियाणा सहित कई राजनीतिक और खेल जगत की हस्तियों ने उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
हरदीप की इस जीत ने यह भी साबित कर दिया कि अगर आत्मविश्वास और जिद हो, तो कोई भी संघर्ष सफलता में बदला जा सकता है।