स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारी एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन (एसीपी) केस निपटाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सख्त कदम उठाया है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी ऑर्डर में एसीपी नहीं निपटाने वाले कर्मचारियों की अक्टूबर की सैलरी रोकने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग में अभी तक 2074 केस पेंडिंग पड़े हुए हैं। स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक डॉ. सोनिया त्रिखा खुल्लर की ओर से यह निर्देश सभी जिलों के सिविल सर्जनों को जारी किए गए लेटर में कहा कि यदि एसीपी भरने में कर्मचारी लापरवाही करते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
एचआरएमएस पोर्टल पर अब तक अपलोड नहीं
स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक डॉ सोनिया त्रिखा खुल्लर के एसीपी के ऑनलाइन विश्लेषण के दौरान इसका खुलासा हुआ। विश्लेषण के दौरान पता चला कि बहुत सारे कर्मचारियों की एसीआर उनके एचआरएमएस पोर्टल पर अब तक अपलोड नहीं है। इस कारण से कर्मचारियों के एसीपी केस पेंडिंग पड़े हुए हैं। जबकि हाल में करीब एक माह पहले सभी डीडीओ को ऑनलाइन एसीपी मॉड्यूल का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
56500 एसीपी लंबित
हरियाणा के सभी विभागों की यदि बात करें तो सभी में 56500 एसीपी के केस पेंडिंग पड़े हुए हैं। हाल ही में सूबे के वित्त विभाग की ओर से एक लेटर जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि एचआरएमएस में उपलब्ध रिपोर्ट के अनुसार 88800 एसीपी मामलों में 56500 एसीपी लंबित हैं। इस लेटर में सभी विभागों के कर्मचारियों को एक माह में पेडिंग केस निपटाने के निर्देश दिए थे, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
क्या है एसीपी
सरकारी कर्मचारियों को नौकरी के 8, 16 और 24 साल की सर्विस पूरी करने पर एसीपी मिलती है। इसके तहत कर्मचारी को पदोन्नति के अनुरूप आर्थिक लाभ मिलने शुरू हो जाते हैं। नियमों के मुताबिक यह रूटीन में होने वाली विभागीय प्रक्रिया है, लेकिन विभागों में कर्मचारियों को समय पर एसीपी नहीं मिलती। इसके लिए कर्मचारियों को मुख्यालय के चक्कर लगाने होते हैं। क्योंकि यह कार्य मुख्यालय से जुड़ा हुआ है।