● हरियाणा सरकार नकली बीज और कीटनाशकों पर रोक लगाने के लिए विधानसभा में नया बिल लाएगी।
● प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए लक्ष्य 2500 एकड़ से बढ़ाकर 1 लाख एकड़ किया गया, देसी गाय अनुदान बढ़ा।
● कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन समेत विभिन्न योजनाओं के लिए बजट में भारी वृद्धि।
Natural Farming Scheme:हरियाणा सरकार ने बजट 2025-26 में किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं, जिनमें नकली बीज और कीटनाशकों से बचाने के लिए नया बिल लाने का निर्णय सबसे अहम है। सरकार कृषि भूमि बिल की तर्ज पर एक नया विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत करेगी, जिससे किसानों को नकली उत्पादों से बचाया जा सके।
प्राकृतिक खेती को मिलेगा बढ़ावा
सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस बार विशेष प्रावधान किया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्राकृतिक खेती का लक्ष्य 2500 एकड़ से बढ़ाकर 1 लाख एकड़ किया गया है। अब यह योजना 2 एकड़ की बजाय 1 एकड़ खेती करने वाले किसानों को भी मिलेगी। इसके अलावा, देसी गाय खरीदने के लिए अनुदान राशि 2500 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दी गई है।
कृषि व कल्याण योजनाओं में बड़ा बजट प्रावधान
● कृषि और कल्याण विभाग का बजट 19.2% बढ़ाकर 4229.29 करोड़ रुपये किया गया है।
● बागवानी के लिए बजट 95.50% बढ़ाकर 1068.89 करोड़ रुपये किया गया है।
● पशुपालन विभाग की राशि 50.9% बढ़कर 2083.43 करोड़ रुपये हो गई है।
● मत्स्य पालन विभाग का बजट 144.40% बढ़ाकर 2018.76 करोड़ रुपये किया गया है।
● सहकारिता क्षेत्र की राशि 58.80% बढ़ाकर 1254.97 करोड़ रुपये कर दी गई है।
कृषकों को मिलेगा ब्याज मुक्त ऋण और नई योजनाओं का लाभ
● सरकार ने फैसला किया है कि कृषि, बागवानी, पशुपालन और मत्स्य पालन विभागों की विभिन्न योजनाओं में महिलाओं द्वारा लिए गए पहले 1 लाख रुपये तक के ऋण पर कोई ब्याज नहीं लगेगा।
● गोबर खाद को बढ़ावा देने के लिए सरकार नई नीति लाएगी।
● मोरनी के किसानों की आय बढ़ाने के लिए विशेष कार्ययोजना लाई जाएगी।
● बकरी और भेड़ पालन को प्रोत्साहित करने के लिए बीटल, सिरोही और मुंजल नस्ल की उपलब्धता बढ़ाई जाएगी।
धान और पराली प्रबंधन के लिए अनुदान बढ़ा
● धान की सीधी बुआई के लिए अनुदान 4000 रुपये प्रति एकड़ से बढ़ाकर 4500 रुपये प्रति एकड़ कर दिया गया है।
● पराली का प्रबंधन करने वाले किसानों को मिलने वाली अनुदान राशि 1000 रुपये प्रति एकड़ से बढ़ाकर 1200 रुपये प्रति एकड़ कर दी गई है।
● यूरिया और डीएपी की उपलब्धता “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” पोर्टल से जोड़ी जाएगी, जिससे नैना यूरिया और नैना डीएपी को बढ़ावा मिलेगा।
नई मंडियों, भंडारण और कृषि सुधार
● गुरुग्राम में एयर कंडीशन्ड फूल मंडी स्थापित होगी।
● हिसार एयरपोर्ट में 5 एकड़ में बागवानी उत्पादों का कार्गो गोदाम बनेगा।
● यमुनानगर में 1 लाख टन क्षमता का आधुनिक सायलो बनाया जाएगा।
● सहकारी क्षेत्र में पीपीपी मॉडल के तहत कुरुक्षेत्र में सूरजमुखी तेल मिल स्थापित होगी।
● ई-नाम पोर्टल से सभी मंडियों को जोड़ा जाएगा और नवीनीकरण किया जाएगा।
● प्रदेश के 18 जिलों में बीज परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित होंगी।
बागवानी और अनुसंधान को बढ़ावा
● अंबाला में लीची, यमुनानगर में स्ट्रॉबेरी, और हिसार में खजूर के लिए उत्कृष्टता केंद्र बनाए जाएंगे।
● महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय 14 उत्कृष्टता केंद्रों को बागवानी विज्ञान केंद्रों के रूप में विकसित करेगा।
● फरीदाबाद, रेवाड़ी और कैथल में बागवानी मिशन शुरू किया जाएगा।
● जापान सरकार की सहायता से 2738 करोड़ रुपये की लागत से सतत बागवानी परियोजना शुरू होगी।
● मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल में इंटरक्रॉपिंग सुविधा सभी फसलों के लिए लागू होगी।
● गन्नौर में बन रही अंतरराष्ट्रीय फसल और सब्जी मंडी नवंबर 2025 तक पूरी होगी।
डेयरी और पशुपालन में सुधार
● हिसार में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की मदद से शुक्राणु छंटाई प्रयोगशाला बनाई जाएगी।
● एक हजार से अधिक पशुओं वाली गौशालाओं को दो ई-रिक्शा उपलब्ध कराए जाएंगे।