Haryana कैबिनेट की बैठक चंडीगढ़ में समाप्त हो गई है। यह बैठक करीब 2 घंटे तक चली और इसमें मुख्यमंत्री नायब सिंह(CM Nayab Saini) सैनी ने अध्यक्षता की। बैठक के बाद मुख्यमंत्री थोड़ी देर में प्रेस कॉन्फ्रेंस(Press Confrence) के जरिए लिए गए फैसलों की जानकारी देंगे।
बता दें कि बैठक पर हरियाणा के सभी कर्मचारियों की नजर थी, क्योंकि सरकार से जुड़े कुछ अहम फैसले लिए जा सकते थे। मुख्यमंत्री सैनी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सरकार अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने की नीति बना सकती है और रिटायरमेंट की उम्र 58 साल से बढ़ाकर 60 साल कर सकती है। इसके अलावा, कैबिनेट स्वतंत्रता सेनानियों की पेंशन बढ़ाने पर भी अंतिम मुहर लगा सकती है। हाल ही में सैनी सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों और उनके आश्रितों की पेंशन 25,000 रुपये से बढ़ाकर 40,000 रुपये कर दी है।
इसके अलावा आपातकाल सेनानियों और हिंदी आंदोलनकारियों की पेंशन भी 10,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये प्रतिमाह कर दी गई है। आज कैबिनेट में इस घोषणा को मंजूरी देकर सरकार 1 जुलाई से बढ़ी हुई पेंशन देना शुरू कर सकती है। हरियाणा कर्मचारियों की ये दो प्रमुख मांगें थीं, जो लंबे समय से लंबित थीं। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद भाजपा को मिले फीडबैक के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों ने भाजपा उम्मीदवारों को अपेक्षित संख्या में वोट नहीं दिए। कई जगहों से खबरें आईं कि सैकड़ों कर्मचारी ऐसे थे जिन्होंने भाजपा उम्मीदवारों के खिलाफ काम किया।
कर्मचारियों की 2 प्रमुख मांगों पर फैसला
कर्मचारियों की नाराजगी को दूर करने और उन्हें अपने पक्ष में करने के लिए पार्टी ने उनकी दो प्रमुख मांगों को स्वीकार करने का फैसला किया है। आज की बैठक में इन दोनों मांगों पर चर्चा की जाएगी। सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष करने का फैसला पिछली हुड्डा सरकार ने 2014 में लिया था। इस फैसले को लागू भी किया गया, लेकिन जब भाजपा सरकार बनी तो हुड्डा सरकार के इस फैसले को पलट दिया गया। अब इसे फिर से लागू किया जा सकता है। प्रदेश में करीब 3 लाख सरकारी कर्मचारी हैं, जिन्हें इस फैसले से फायदा मिल सकता है।