हिसार में किसानों ने एक प्रदर्शन किया जिसमें वे यूरिया डीएपी के साथ अन्य कृषि उपकरणों को लेकर सरकारी निर्णयों के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की और इससे उन्हें धक्का-मुक्की करनी पड़ी। बाद में, किसानों ने सरकारी अधिकारियों से मांगों को लेकर बातचीत की।
किसान नेता सतीश बेनीवाल ने लघु सचिवालय में किसानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कुछ कंपनियां किसानों को यूरिया डीएपी के साथ-साथ अन्य उपकरणों को भी बिना चाहे जबरदस्ती दे रही हैं। इससे किसानों को परेशानी हो रही है। किसानों ने भी अपने बीमा के दावों को लेकर जिला प्रशासन को चेतावनी दी है। उन्होंने बताया कि कई गांवों में बीमा का पैसा अभी तक नहीं मिला है। इसे लेकर वे बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं। किसानों और पुलिस के बीच हुई झड़प में बदलाव की बातें हो रही हैं। सरकारी अधिकारियों और पुलिस ने किसानों को मांगों के सम्मान में सुधार का आश्वासन दिया है। इस प्रकार किसानों का यह प्रदर्शन उनकी मांगों को लेकर है, जिसमें उन्हें सरकार से अधिक समझदारी और सहायता की आशा है।
डीलरों के साथ मिलकर किसानों को लूट रही कंपनियां
किसान नेता सतीश बेनिवाल ने यह बताया कि किसानों को यूरिया डीएपी के साथ अन्य कृषि उत्पाद जबरदस्ती सौंपे जा रहे हैं और बड़ी कंपनियां के डीलरों के साथ मिलकर किसानों को लूट रही हैं। इसके परिणामस्वरूप, किसान परेशान हैं और यदि इस पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो किसानों ने बड़ा आंदोलन करने की धमकी दी है। इसके अलावा 72 गांवों के किसानों को बीमा क्लेम नहीं मिलने के कारण किसानों में आक्रोश है।
सरकार ने नहीं दिया ध्यान तो आंदोलन की करेंगे घोषणा
उन्होंने डीसी को इस मुद्दे पर ज्ञापन सौंपा और चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया तो वे बड़े आंदोलन की घोषणा करेंगे। इस प्रकार हिसार में किसानों के बीच उभरे मुद्दों ने स्थानीय प्रशासन को चुनौती दी है और किसानों ने अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया है। सरकार से उनकी मांगों का समर्थन करने के लिए कदम उठाना आवश्यक है, ताकि किसानों को न्याय मिल सके और उनकी समस्याओं का समाधान हो सके।