प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सरकार ने अपने स्तर पर प्रयास शुरू कर दिए हैं। सरकार स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए राजकीय स्कूलों की मैनेजमेंट कमेटियों के अधिकार बढ़ाने पर विचार कर रही है। जिसमें कमेटियों को यह अधिकार दिया जाएगा कि वह 2 से 6 महीने के लिए स्कूलों में टीचर्स की नियुक्ति कर सकें। इतना ही नहीं स्कूलों में स्टूडेंट्स और टीचर्स के बीच रेशो को दुरुस्त करने के लिए सरकार एमआईएस सिस्टम को लागू करने की तैयारी कर रही है। सरकारी स्कूलों की मैनेजमेंट कमेटियों के साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने संवाद करते हुए इसका खुलासा किया है।
बता दें कि हरियाणा प्रदेश में कुल 14 हजार स्कूल हैं। जिनकी स्कूलों की देखरेख के लिए मैनेजमेंट कमेटियों का सरकार के द्वारा गठन किया गया है। इन कमेटियों में चुने हुए जनप्रतिनिधियों के साथ अभिभावकों को जिम्मेदारी दी गई है। जिन स्कूलों में स्टूडेंट्स की संख्या 300 तक है, उन स्कूलों की कमेटियों में 12 सदस्यों को शामिल किया गया है। 500 संख्या वालों में 16 और 500 संख्या से अधिक वाले स्कूलों में कमेटियों के सदस्यों की संख्या 20 निर्धारित की गई है।
ये रहेंगी जिम्मेदारियां
सरकारी स्कूलों में बनाई गई मैनेजमेंट कमेटियों की सरकार की ओर से जिम्मेदारी तय की गई हैं। कमेटियां स्कूलों में शिक्षकों के साथ ही स्टूडेंट्स की उपस्थिति की निगरानी करती हैं। साथ ही स्कूलों में होने वाले निर्माण कार्यों और अभिभावकों के साथ मीटिंग करने की जिम्मेदारी दी गई है। कमेटियां यह भी तय करती हैं कि क्षेत्र के हर बच्चे को स्कूल में दाखिला मिल सके और सरकार की ओर से दिए जाने वाले सभी लाभ भी प्राप्त कर सके।
बच्चों की संख्या के हिसाब से होंगे टीचर
सीएम ने यह भी खुलासा किया है कि सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट्स और टीचर्स के रेशो को सुनिश्चित करने के लिए सरकार जल्द ही एमआईएस सिस्टम लागू करने जा रही है। इसके तहत स्कूल में कितने बच्चे हैं और कितने टीचरों की आवश्यकता है, उसके हिसाब से व्यवस्था की जाएगी। सीएम ने कहा कि हरियाणा में 20 से 22 लाख स्टूडेंट सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।