हरियाणा में कांग्रेस का संकट

हरियाणा में कांग्रेस का संकट: कई जगह प्रत्याशी नहीं मिल रहे, शैलजा ने जताई चिंता!

हरियाणा राजनीति

Haryana Congress Crisis: हरियाणा में कांग्रेस की स्थिति दिनों-दिन कमजोर होती जा रही है। निकाय चुनाव में पार्टी को प्रत्याशी मिलने में कठिनाई हो रही है, जिस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा ने सार्वजनिक मंचों से बेबाकी से अपनी रखकर संगठन का ध्‍यान इस ओर खींच रही हैं।
20 फरवरी को कुमारी शैलजा करनाल के चुनावी कार्यालय पहुंची। जहां मेयर प्रत्याशी और पार्षदों के लिए की वोट की अपील की साथ ही संगठन पर चोट करते हुए गहरी चिंता वयक्‍त की। करीब छह मिनट उन्‍होंने हरियाणा, संगठन और कांग्रेस पर अपनी राय रखी।
एक मंच में उन्होंने यह तक कह डाला कि पार्टी लंबे समय से नेतृत्व संकट से गुजर रही है और पिछले 11 वर्षों से संगठन का अभाव बना हुआ है।हरियाणा में कांग्रेस इस समय संगठनात्मक चुनौतियों और नेताओं के पार्टी छोड़ने जैसी समस्याओं से जूझ रही है। हालांकि, पार्टी नेतृत्व और कार्यकर्ता निकाय चुनावों में मजबूती से मुकाबला करने के लिए तैयार हैं।

पानीपत में अभी तक मेयर प्रत्याशी की तलाश पूरी नहीं हो पाई है। सूत्रों के अनुसार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बागी होकर चुनाव लड़ चुके विजय जैन को मनाने की कोशिश चल रही थी लेकिन वह लड़ने से इनकार कर चुके हैं। पानीपत के वार्डों में भी सही प्रत्याशी मिलने का संकट कांग्रेस के सामने है‌।

वहीं, प्रदेश में कांग्रेस की कमजोर हालत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विधानसभा चुनाव में मजबूत स्थिति होने के बावजूद पार्टी हार गई। हार के बाद कार्यकर्ताओं और नेताओं में निराशा बढ़ गई है, जिससे निकाय चुनाव में कांग्रेस को प्रत्याशी नहीं मिल रहे।

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इस स्थिति को देखते हुए कांग्रेस अब दूसरे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों को अपने सिंबल पर चुनाव लड़ने के लिए मनाने की कोशिश कर रही है, लेकिन अधिकतर नेता कांग्रेस के टिकट पर लड़ने के बजाय निर्दलीय चुनाव लड़ने को प्राथमिकता दे रहे हैं।

शैलजा ने इस ओर इशारा किया है कि कांग्रेस के अंदर गुटबाजी और संगठन की कमजोर स्थिति के कारण यह समस्या खड़ी हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कई कांग्रेस नेता, जैसे बीरेंद्र सिंह, संगठन न होने को हार का मुख्य कारण बता चुके हैं।

हाल ही में हिसार और करनाल से कांग्रेस के कई प्रमुख नेता भाजपा में शामिल हो गए हैं। इस कुमारी शैलजा ने कहा कि यह उनका निजी निर्णय है और पार्टी ने उन्हें चुनाव लड़ने तक का अवसर दिया था। उन्होंने आगे कहा कि जो नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं, उनके पीछे व्यक्तिगत कारण हो सकते हैं। हालांकि, उन्होंने इस मुद्दे पर ज्यादा टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

भाजपा पर दबाव की राजनीति करने का आरोप
शैलजा ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह सत्ता के प्रभाव का इस्तेमाल करके कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के प्रत्याशियों पर दबाव बना रही है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जनता कांग्रेस के साथ है और पार्टी मजबूती से निकाय चुनाव लड़ेगी।

पार्टी संगठन की कमजोरी स्वीकार
कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे की कमी को स्वीकार करते हुए शैलजा ने कहा कि पिछले 11 वर्षों से हरियाणा में पार्टी का कोई स्थायी संगठन नहीं है, जिससे चुनाव में कठिनाइयां आ रही हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि नए हरियाणा प्रभारी एम. हरिप्रसाद के नेतृत्व में पार्टी को मजबूत किया जाएगा।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ मंच साझा करने पर प्रतिक्रिया
कुमारी शैलजा से जब यह पूछा गया कि वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ मंच साझा क्यों नहीं कर रही हैं, तो उन्होंने इसे कोई बड़ा मुद्दा नहीं बताया। उन्होंने कहा कि सभी को पार्टी के लिए ईमानदारी से काम करना चाहिए और मंच साझा करना अनिवार्य नहीं है।

निकाय चुनावों की तैयारी
निकाय चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस ने हर क्षेत्र में विशेष कमेटियां गठित की हैं, जो स्थानीय मुद्दों पर फोकस करके घोषणा पत्र तैयार करेंगी। शैलजा ने कहा कि पार्टी पूरी रणनीति के साथ चुनाव में उतर रही है और जनता का समर्थन मिलने की पूरी उम्मीद है।

निकाय चुनावों की तैयारी
निकाय चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस ने हर क्षेत्र में विशेष कमेटियां गठित की हैं, जो स्थानीय मुद्दों पर फोकस करके घोषणा पत्र तैयार करेंगी। शैलजा ने कहा कि पार्टी पूरी रणनीति के साथ चुनाव में उतर रही है और जनता का समर्थन मिलने की पूरी उम्मीद है।