Haryana कांग्रेस में एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष उदयभान के फैसले को पार्टी हाईकमान ने पलट दिया है। यमुनानगर के दो वरिष्ठ नेताओं राकेश शर्मा (पूर्व जिला अध्यक्ष) और अनिल गोयल को निलंबित करने का जो आदेश 2 मार्च को जारी किया गया था, उसे अब रद्द कर दिया गया है।
पुनर्विचार के बाद बदला गया फैसला
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से शुक्रवार को जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि यह निर्णय पार्टी प्रभारी और प्रदेश संगठन द्वारा पुनर्विचार के बाद लिया गया है। अब 2 मार्च 2025 को जारी निष्कासन आदेश को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है।
इस पत्र की एक प्रति कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी बीके हरिप्रसाद, सह प्रभारी जितेंद्र बघेल और प्रफुल्ल विनोदराव गुडाधे को भी भेजी गई है।
क्या था मामला?
प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने 2 मार्च को आदेश जारी करते हुए दोनों नेताओं पर निकाय चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए निलंबित किया था। लेकिन दोनों नेताओं ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया।
पूर्व जिला अध्यक्ष का बयान
निलंबन के समय राकेश शर्मा ने साफ किया था,
“मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं और कभी भी पार्टी के खिलाफ नहीं गया। मैंने पूरी निष्ठा और ईमानदारी से कांग्रेस के लिए काम किया है और आगे भी करता रहूंगा। मैं वरिष्ठ नेतृत्व से मिलकर अपनी बात रखूंगा।”
दिल्ली तक पहुंचा विवाद
यह मामला केवल हरियाणा तक सीमित नहीं रहा। निलंबित नेताओं ने अपनी बात पार्टी हाईकमान तक पहुंचाई और दिल्ली जाकर वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात भी की। अंततः पार्टी नेतृत्व ने पूरी रिपोर्ट पर मंथन के बाद उदयभान के निर्णय को पलटते हुए दोनों नेताओं का निलंबन रद्द कर दिया।