Haryana में नगर निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। कांग्रेस के नेताओं ने राज्य में नगर निकाय चुनाव बैलेट पेपर से कराने की मांग उठाई है। पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) धनपत सिंह से मुलाकात की और अपनी मांग का ज्ञापन सौंपा।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान, विधायक अशोक अरोड़ा, गीता भुक्कल, पूर्व मंत्री कर्ण दलाल समेत कई प्रमुख नेताओं ने चुनाव आयोग से यह मांग की कि ईवीएम के बजाय चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाएं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि ईवीएम से चुनावों में धांधली होती है, और बैलेट पेपर से चुनाव अधिक निष्पक्ष होते हैं। इस मुद्दे पर पार्टी को इलेक्शन कमीशन से ज्यादा उम्मीद नहीं है, लेकिन फिर भी कांग्रेस ने अपनी मांग रखी है।

उदयभान ने उत्तराखंड का उदाहरण दिया
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने कहा कि उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव बैलेट पेपर से हुए थे, तो हरियाणा में ऐसा क्यों नहीं हो सकता? उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार डर रही है कि बैलेट पेपर से चुनाव होने पर उसे हार का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नगर निकाय चुनावों में एससी समाज के लिए उचित आरक्षण नहीं किया गया है, जिससे उनके साथ अन्याय हो रहा है।
कांग्रेस का बड़ा बयान – सिंबल पर नहीं लड़ेगी पालिका चुनाव
कांग्रेस ने यह भी स्पष्ट किया कि नगर परिषद अध्यक्ष चुनाव सिंबल पर लड़ा जाएगा, जबकि नगर निगम मेयर और पार्षद चुनाव भी सिंबल पर लड़े जाएंगे। हालांकि, नगर पालिका चुनाव सिंबल पर नहीं लड़ा जाएगा। कांग्रेस ने सरकार से सवाल किया है कि इतने समय से चुनाव क्यों नहीं कराए गए हैं और इस विलंब की वजह क्या है।
मेनिफेस्टो को लेकर बैठक का आह्वान
कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने कहा कि नगर निकाय चुनाव में ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से चुनाव होने चाहिए, और इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस चुनाव आयोग से अपेक्षाएं रखती है। इसके अलावा, कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो को लेकर बैठक बुलाई है, जिसमें लोगों से जुड़े मुद्दों को शामिल किया जाएगा।
ईवीएम के खिलाफ कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस नेताओं ने ईवीएम पर अपनी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि ईवीएम के उपयोग में लोगों का विश्वास डगमगा चुका है और इसे निष्पक्ष साबित करना चुनाव आयोग का कर्तव्य है। हाल ही में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में मतों की गिनती और प्रतिशत में वृद्धि पर सवाल उठे थे, जिससे चुनाव प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगने लगे हैं। कांग्रेस ने सुझाव दिया कि मतपत्रों की पुरानी प्रथा को अपनाना उचित होगा ताकि चुनाव में विश्वास और पारदर्शिता बनी रहे।