फरीदाबाद स्थित बल्लभगढ़ के केशव अस्पताल पर इलाज में लापरवाही बरतने के गंभीर आरोप लगे हैं। एक्सीडेंट में घायल युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि छाती में दर्द होने पर अस्पताल स्टाफ ने इंजेक्शन लगाया था। जिसके कुछ देर बाद खून की उल्टी हुई और पिंटू की मौत हो गई।
मृतक के भाई नितिन ने बताया कि वह और भाई पिंटू अपने माता पिता के साथ बल्लबगढ़ की हरि विहार कॉलोनी में रहते हैं। पिंटू एक निजी कंपनी में काम करता था और वह ऑटो चलाते हैं। उनकी और पिंटू की शादी 11 दिसंबर 2020 में हुई थी। अभी पिंटू को कोई भी बच्चा नहीं था। पिंटू डुंडसा गांव में अपनी दादी ओमवती से मिलकर अपनी बाइक से घर लौट रहा था।
अज्ञात वाहन ने मार दी टक्कर
जैसे ही वह सीकरी के पास पहुंचा उसकी बाइक में किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी, जिसे घायल अवस्था में बल्लभगढ़ के सिविल अस्पताल में इलाज के लिए पुलिस ने भर्ती करवाया। नितिन ने बताया कि बल्लभगढ़ अस्पताल से पुलिस का फोन उनके चाचा नेपाल के पास आया। पुलिस ने ही उन्हें बताया कि पिंटू का एक्सीडेंट सीकरी में हुआ है, जिसे इलाज के लिए बल्लभगढ़ सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। घटना के बारे में जानकारी मिलने के बाद वह लोग अस्पताल पहुंचे। जहां पर डॉक्टरों ने पिंटू को इलाज के लिए बादशाह खान सिविल अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।
डॉक्टरों ने बाहर भेजकर करवाए टैस्ट
उन्होंने पिंटू को बल्लभगढ़ के जगदीश कॉलोनी मोहना रोड स्थित केशव अस्पताल में लगभग 10:30 बजे सुबह इलाज के लिए भर्ती करवाया, जहां उसे इलाज के लिए भर्ती कर लिया गया। जिसके बाद केशव अस्पताल के डॉक्टरों ने उसके बाहर भेजकर टेस्ट करवाए, जिसे वह अपने ऑटो में बैठाकर ले गया और टेस्ट करवाकर लाया, जब तक वह ठीक था।
जिसके बाद डॉक्टरों ने टेस्ट की रिपोर्ट देखकर कहा कि रिपोर्ट ठीक है और उसे भर्ती कर लिया। नितिन ने बताया कि रात के लगभग 4 बजे पिंटू ने अपनी छाती में दर्द बताया। उन्होंने अस्पताल में मौजूद स्टाफ को बताया, लेकिन उस समय डॉक्टर अस्पताल में मौजूद नहीं था। अस्पताल के एक स्टाफ ने पिंटू को एक इंजेक्शन लगाया, जिसके कुछ देर बाद पिंटू को खून की उल्टी हुई।
फ्री एम्बुलेंस करवाकर भेजने का दिया लालच
पिंटू ने लंबी सांस ली और फिर पिंटू कभी नहीं उठा। उन्होंने पिंटू के हालात के बारे में अस्पताल के स्टाफ को जब बताया तो अस्पताल के स्टाफ ने कहा कि वह उसे किसी और बड़े अस्पताल में लेकर जाएं, जिसके लिए उन्होंने उन्हें फ्री एम्बुलेंस करवा कर भेजने का भी लालच दिया, लेकिन उन्होंने देखा तो पिंटू के शरीर में कोई हरकत नहीं थी। इसलिए उन्होंने उसे कहीं भी ले जाने से मना कर दिया। जब वह लोग उसे कहीं नहीं लेकर गए तब अस्पताल के स्टाफ ने बताया कि पिंटू की मौत हो चुकी है। नितिन ने बताया कि केशव अस्पताल के स्टाफ और डॉक्टरों की लापरवाही के चलते ही उनके भाई पिंटू की मौत हुई है। नितिन का कहना है कि उन्होंने कोई गलत इंजेक्शन लगाया, जिसके चलते पिंटू को खून की उल्टियां हुईं और कुछ देर में ही उसकी मौत हो गई।
सीआरपीसी की धारा 174 के तहत की जा रही कार्रवाई
वह चाहते हैं कि दोषी अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाए। वहीं, इस मामले में पुलिस का कहना है कि मृतक के परिजनों से उन्हें किसी प्रकार की कोई लापरवाही की शिकायत नहीं मिली। फिलहाल सीआरपीसी की धारा 174 के तहत कार्रवाई की जा रही है। पोस्टमार्टम कराया जा रहा है, यदि फिर भी परिजनों को कोई आपत्ति होती है तो उनकी शिकायत लेकर कार्रवाई की जाएगी।