हरियाणा सरकार ने कन्या भ्रूण हत्या को रोकने और ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए एक उपलब्धि का ऐलान किया है। इसमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक लाख रुपये तक का नकद पुरस्कार शामिल है। जो लोग सही सूचना देंगे उनका नाम विभाग द्वारा गोपनीय रखा जाएगा।
बता दें कि 1994 में पास किए गए पीसी और पीएनडीटी एक्ट के तहत, पंजीकृत सेंटर संचालक और डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। पहले अपराध के लिए 3 साल की कारावास और 10 हजार रुपये का जुर्माना होगा और दोबारा अपराध के लिए 5 साल की कारावास और 50 हजार रुपये का जुर्माना होगा। इस अधिनियम के तहत पति परिवार के सदस्य या लिंग चयन के लिए उकसाने वाले व्यक्ति के लिए पहले अपराध पर 3 साल की कारावास और 50 हजार रुपये तक का जुर्माना होगा। इसके बाद अपराध के लिए 5 साल की कारावास और एक लाख रुपये तक का जुर्माना होगा। हरियाणा के 14 शहरों में लिंगानुपात में कमी आई है। जन्म के समय लिंगानुपात में भी गिरावट आई है। 2023 में प्रति एक हजार लड़कों पर 916 लड़कियों का जन्म दर्ज किया गया है, जबकि 2022 में 917 था।
राष्ट्रीय औसत से काफी कम लिंगानुपात
हरियाणा का लिंगानुपात राष्ट्रीय औसत से काफी कम है। इस पर सरकार गंभीर है और सभी उपायों को बढ़ावा देने के लिए निर्देश दिए गए हैं। रोहतक में सबसे ज्यादा 53 अंकों की गिरावट आई है। 2023 में गिरावट दर्ज की गई शहरों में फतेहाबाद, नूंह, सिरसा, यमुनानगर, जींद, कैथल, पानीपत, अंबाला, चरखी दादरी, सोनीपत, महेंद्रगढ़, रोहतक, करनाल और भिवानी शामिल हैं। गुरुग्राम, पलवल, कुरुक्षेत्र, फरीदाबाद, पंचकूला, हिसार, रेवाड़ी और झज्जर में वृद्धि दर्ज की गई है।
प्रदेश में हुआ साढ़े 5 लाख बच्चों का जन्म
वहीं 2022 में प्रदेश में कुल 5,50,465 बच्चों का जन्म हुआ। इनमें 2,87,336 लड़के और 2,63,129 लड़कियां शामिल थीं।रोहतक का लिंगानुपात 936 था, जो 2023 में 883 हो गया है। चरखी दादरी में भी लिंगानुपात कम हो गया है। 2022 में 933 था, जो 2023 में 897 हो गया है। महेंद्रगढ़ का लिंगानुपात 2023 में 887 हो गया है, जो एक साल पहले 907 था। सोनीपत का लिंगानुपात 2022 में 894 था, जो 2023 में 898 हो गया है। अंबाला में भी 15 पाॅइंट की गिरावट हो गई है और लिंगानुपात 919 रिकॉर्ड किया गया है।
लड़कियों के लिए शुरू की कई स्कीमें
लिंगानुपात में हरियाणा का रिकॉर्ड राष्ट्रीय औसत से काफी कम है। 2015 में एक हजार लड़कों पर 876 लड़कियों का जन्म हुआ था। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के बाद, हरियाणा में जन जागरूकता अभियान और लड़कियों के लिए कई सारी स्कीमें शुरू की गईं। इसके परिणामस्वरूप हरियाणा में लिंगानुपात में वृद्धि दर्ज की गई है। 2019 में 923 और 2020 में 922 रिकॉर्ड किया गया।