हरियाणा सरकार ग्रुप सी के 32 हजार पदों के बचे ग्रुपों के एग्जाम कराने की तैयारी में है। इसके लिए सरकार जल्द ही पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में अलग से एक याचिका दायर करेगी। हालांकि ग्रुप 56 और 57 के हुए एग्जाम के मामले में पहले ही हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। हाईकोर्ट की सिंगल बैंच ने ग्रुप 56-57 के हो चुके एग्जाम के रिजल्ट पर रोक लगा रखी है। इसमें सुनवाई के लिए 19 दिसंबर की डेट लगी है।
पहले हुई सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से हाईकोर्ट में आग्रह किया गया था कि बचे ग्रुपों की परीक्षा कराने की अनुमति दी जाए, लेकिन हाईकोर्ट ने सर्विस कंपलीट नहीं होने के कारण सुनवाई स्थगित कर दी। बता दें कि एचएसएससी ने हर पद के लिए अलग अलग ग्रुप बनाये हुए हैं।
पेपर रिपिट का मामला भी हाईकोर्ट में लंबित
ग्रुप सी भर्ती के लिए 56 के एग्जाम में 41 सवालों के रिपिट होने का मामला भी हाईकोर्ट में लंबित चल रहा है। इस मामले को लेकर दायर याचिका में पेपर रद्द किए जाने की मांग की गई है। इसकी सुनवाई भी अन्य संबंधित अपीलों के साथ होगी। हालांकि सबसे पहले दायर अपील पर ही सुनवाई होगी, जिसमें ग्रुप नंबर 56,57 पेपर कराने का आग्रह किया गया है।
एचएसएससी दाखिल कर चुका जवाब
हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने दो महीने पहले ही ग्रुप C की भर्ती में 56 और 57 श्रेणी के सीइटी एग्जाम में 4 गुना से ज्यादा अभ्यर्थियों को बुलाने का फॉर्मूला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल कर चुका है। इस फॉर्मूले में आयोग ने बताया है कि एक ग्रुप में एक से ज्यादा कैटेगरी के लिए एक उम्मीदवार को ही योग्य माना गया है। आयोग ने कहा है कि अगर एक-एक कैटेगरी के अनुसार छंटनी करते तो बार बार मेरिट वाले उम्मीदवार ही रिपिट होते।
इसलिए आयोग की ओर से अन्य कैटेगरी के लिए दूसरों को मौका दिया गया। इसलिए आयोग ने चार गुना उम्मीदवारों को बुलाया है।
कंपटीशन के लिए किया गया ऐसा
चार गुना अभ्यर्थियों को शॉर्ट लिस्ट करने के बाद यदि किसी श्रेणी में अभ्यर्थियों की कमी रह गई तो उस श्रेणी से अधिक अभ्यर्थियों को योग्यता के आधार पर समायोजित किया गया है। इसलिए ग्रुप में चार गुना से अधिक उम्मीदवारों की अधिसूचना के आधार पर शॉर्ट लिस्टिंग की गई है। यदि ग्रुप में चार गुना से अधिक उम्मीदवारों को नहीं लिया जाता तो संभावना है कि कोई कंपटीशन नहीं होगा।
आयोग ने ये भी दलीलें दीं
एचएसएससी ने अपनी दलील में कहा है कि सिंगल बैंच के जज ने कहा है कि परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों की सूची सार्वजनिक की जानी चाहिए, ताकि पता चल सके कि उनका मुकाबला किसके साथ है। सिंगल बैंच का यह अवलोकन किसी भी तरह से परीक्षा के आयोजन को प्रभावित नहीं करेगा।
जिस उम्मीदवार के साथ कंपटीशन कर रहा है, उसका नाम पहचान परीक्षा के परिणाम को प्रभावित नहीं कर सकता, क्योंकि परीक्षा योग्यता के आधार पर पास की जाएगी न कि नाम से। आयोग ने ऐसी और भी दलीलें देकर इन आशंकाओं को गलत ठहराया है।

	