Haryana सरकार ने राज्य में पंजीकृत वाहनों के स्क्रैपेज और रि-साइक्लिंग को प्रोत्साहित करने के लिए “सूबे में पंजीकृत वाहन स्क्रैपेज एवं रि-साइक्लिंग सुविधा प्रोत्साहन नीति 2024” अधिसूचित की है। इस नीति के तहत पुराने वाहनों के पुर्जों का पुन: उपयोग किया जाएगा, जिससे न केवल ईको पर्यावरण में सुधार होगा बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
एनजीटी के आदेश के बाद कंडम वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में एनजीटी द्वारा पुराने डीजल वाहनों के लिए 10 साल और पेट्रोल वाहनों के लिए 15 साल की पासिंग सीमा तय करने के बाद कंडम वाहनों की संख्या बढ़ गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने यह नीति लागू करने का निर्णय लिया है।
कंडम वाहनों की पार्किंग से निजात मिलेगी
मंत्री ने बताया कि इस पहल से कंडम वाहनों के पुर्जों का रि-साइक्लिंग होगा, जिससे पर्यावरण पर दबाव कम होगा। साथ ही, वाहन मालिकों को आर्थिक लाभ होगा और जनता को सार्वजनिक स्थानों पर कंडम वाहनों की पार्किंग से मुक्ति मिलेगी।
नई उद्योग इकाइयों के लिए वित्तीय सहायता और प्रोत्साहन
राव नरबीर सिंह ने बताया कि इस नीति के तहत हरियाणा सरकार नई उद्योग इकाइयों को पूंजी अनुदान और राज्य जीएसटी में प्रतिपूर्ति प्रदान करेगी। इसके अलावा, उद्योगों के लिए लीज मॉड्यूल तैयार किया जाएगा, जिसमें उद्योग एवं वाणिज्य विभाग और हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचन विभाग 10 साल की लीज पर भूमि उपलब्ध कराएंगे।
सरकार द्वारा वित्तीय सहायता का प्रावधान
मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार उद्योगों को 20 करोड़ रुपए तक की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, जिसमें भूमि को छोड़कर संपूर्ण परियोजना लागत का 10 प्रतिशत और औद्योगिक श्रेणी के डी ब्लाक में शत-प्रतिशत तथा बी और सी श्रेणी के ब्लाक में 75 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी की प्रतिपूर्ति की जाएगी। उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए परियोजना लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा, जो अधिकतम 5 करोड़ रुपए तक हो सकता है।
इसके अलावा, राज्य के युवाओं के लिए रोजगार उत्पन्न करने वाले 10 उद्योगों को 50 लाख रुपए का अनुदान भी प्रदान किया जाएगा।