Haryana सरकार ने क्रिमिनल केस के गवाहों की सुरक्षा के लिए हरियाणा विटनेस प्रोटेक्शन स्कीम-2025 शुरू की है। इस योजना के तहत गवाहों को उनके खतरे के हिसाब से सुरक्षा दी जाएगी। 28 फरवरी से लागू होने वाले तीन नए कानूनों के तहत यह योजना शुरू की जा रही है।
इस योजना में गवाहों को कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी से आमना-सामना नहीं होगा। साथ ही, गवाहों को कोर्ट तक जाने के लिए एस्कॉर्ट की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
स्कीम के लाभार्थी:
यह सुरक्षा योजना उन गवाहों को दी जाएगी, जो मौत, उम्रकैद या 7 साल या उससे अधिक की सजा वाले मामलों में गवाही दे रहे हैं। इसके अलावा पॉक्सो एक्ट के तहत मामलों के गवाहों को भी यह सुविधा दी जाएगी।
गवाहों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा और सहायक:
इस योजना के तहत गवाहों को ऑडियो-वीडियो माध्यम से भी बयान देने की अनुमति दी जाएगी, और उनकी रिकॉर्डिंग की जा सकेगी। इस दौरान गवाह के साथ एक सहायक को भी मौजूद रहने की छूट होगी। गवाह और आरोपी के लिए अलग-अलग रास्ते, स्क्रीन और ऑडियो-वीडियो माध्यम का प्रबंध किया जाएगा। इसके अलावा, गवाह की पहचान छिपाने के लिए उसके चेहरे और आवाज को बदला जा सकेगा।
वित्तीय मदद:
गवाहों को सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही सरकार उन्हें वित्तीय मदद भी देगी। यदि गवाह को खतरे के कारण किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जाता है, तो इसकी लागत सरकार द्वारा उठाई जाएगी। इसके अलावा, गवाह यदि नए स्थान पर जीवन यापन के लिए कारोबार शुरू करना चाहता है, तो उसे सरकारी मदद दी जाएगी। इसके लिए गवाह संरक्षण निधि का भी प्रबंध किया जाएगा।
साक्षी संरक्षण सेल:
हर जिले में साक्षी संरक्षण सेल का गठन किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी DCP या SP स्तर के अधिकारी पर होगी। यदि गवाह को धमकी मिलती है, तो इसकी शिकायत पर 5 दिन में कार्रवाई की जाएगी। गवाहों की सुरक्षा के आदेशों को लागू करने की जिम्मेदारी DGP की होगी।
गवाहों की सुरक्षा को लेकर सरकार का बड़ा कदम:
यह योजना गवाहों के लिए बड़ी राहत साबित होगी, जिससे वे बिना डर के न्याय प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे।