एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के अध्यक्ष आदित्य चौटाला ने हिसार में प्रैसवर्ता करते हुए कहा कि सरकार किसानों के विकास और उनकी फसलों की सही दाम दिलाने के लिए नई योजना पर विचार कर रही है। जिसके लिए हरियाणा सरकार दूसरे राज्यों की सरकारों से एमओयू साइन करके दूसरे राज्यों में हरियाणा के फल, सब्जियों और अनाज की फसलों की बिक्री के लिए एक तंत्र तैयार करेगी। जिससे किसानों को अपनी फसल दूसरे राज्यों में बेचने में आसानी होगी। साथ ही सरकार किसानों की फसल के भंडारण के बारे में भी नये सिरे से विचार कर रही है।
ये बातें चौटाला ने हिसार में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। हिसार में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय और हरियाणा स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में लगाए गए कृषि मेले के सिलसिले में आदित्य चौटाला 3 दिन के लिए हिसार में हैं। पत्रकारों से बाचीत में उन्होंने कहा कि मेले के आखिरी दिन 10 अक्तूबर को राज्य के मुख्यमंत्री मेले में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि ये मेला पहले से बहुत बड़े और भव्य स्तर पर आयोजित किया गया है, जिसमें दूर दूर से किसान पहुंचा है।
किसानों से संबंधित एक्सीडेंटल क्लैइम्स पर कई किए गए रिव्यूज
चौटाला ने बताया कि हरियाणा स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड की बैठक में किसानों से संबंधित एक्सीडेंटल क्लैइम्स पर कई रिव्यूज किए गए हैं। जिसके तहत सबसे पहले सिफारिश की गई है कि यदि कोई भी यंत्र जो डीजल, पेट्रोल, बैटरी, सोलर या मैनुअली ऑपरेटेड हो और कृषि के लिए काम आने वाले व एग्रीकल्चर वेस्ट मैनेजमेंट में काम आने वाले यंत्र हैं, तो उन्हें एग्रीकल्चर कंपोनेंट में शामिल किया जाए, ताकि किसान के साथ कोई दुर्घटना हो जाती है, तो उसे दुर्घटना का क्लेम मिल सके। दूसरा खेती में सिंचाई की ड्रिप इरीगेशन टेक्नोलॉजी के तहत सरकार टैंक बनाती है। हॉर्टिकल्चर डिपार्मेंट माइक्रो इरीगेशन डिपार्टमेंट व इरिगेशन डिपार्टमेंट इनको अनुदान राशि देती है और वह टैंक अपने खेत में बनाता है। ऐसे में किसी किसान की टैंक में डूबने से मृत्यु हो जाए तो पहले उसे बीमा क्लेम नहीं मिलता था, क्योंकि डिग्गी किसानी कंपोनेंट में नहीं आती थी।
किसान के खेत में वॉटर टैंक्स, कृषि कंपोनेंट में किए जाए शामिल
अब बोर्ड की तरफ से सरकार को सिफारिश की गई है कि जो वॉटर टैंक्स किसान के खेत में है, वह सारे कृषि कंपोनेंट में शामिल किए जाए, ताकि हादसा होने पर किसान को सहायता राशि मिल सके। तीसरा किसान जब फसल पर जब कीटनाशक सप्रे करता है और सप्रेचढ़ जाने पर हॉस्पिटल्स में उसकी मूत्यु पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी मृत्यु का कारण नेचुरल डेथ लिखा होता था, क्योंकि उसकी मृत्यु कार्डियोक्रिलायल फेलियर, मल्टी ऑर्गन फैलियर और ब्रेन स्ट्रोक के कारण दिखाई जाती थी, लेकिन अब इस स्थिति में किसानों की मृत्यु होने पर उसे कृषि कार्य से जुड़ी मृत्यु मानकर किसान की सहायता करते हुए किसान को उचित मुआवजा देने का काम किया जाएगा। साथ ही अगर उसकी मृत्यु खेत में काम करते हुए हार्टअटैक होने से होती है, तो पानी की बारी के लिए मिलने वाली पर्ची के आधार पर भी किसान को सहायता राशि उपलब्ध करवाने की सिफारिश सरकार से की गई है।
फसल बिक्री पर्ची के आधार पर सड़क हादसे में मिले मुआवजा
आदित्य ने बताया कि एक सिफारिश किसानों के लिए ये भी की गई है कि यदि फसल बेचने के लिए किसान मंडी आता है और फसल बिक्री की पर्ची के आधार पर 12 घंटे के दौरान सड़क पर कोई हादसा हाता है, तो उस हादसे में भी किसान को मुआवजा मिले। उन्होंने कहा कि ये सब बातें तो किसानों के साथ किसी भी प्रकार के हादसा होने की स्थिति की थी, लेकिन किसानों की फसलों को सही दाम दिलवाने की दिशा में भी सरकार काम कर रही है। जल्द ही गोवा सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल हरियाणा आकर फल, सब्जी व अन्य फसलों की खरीद-फरोख्त के लिए सरकार से एमओयू करेगा। ऐसे ही अन्य राज्यों से एमओयू करके किसानों की फसलों की खरीद-फरोख्त का एक सिस्टम तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है।
एक सवाल के जवाब में चौटाला ने कहा कि सिरसा रैली में गृह मंत्री अमित शाह साफ कर चुके हैं कि भाजपा हरियाणा में 10 की 10 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी, उनसे गठबंधन को लेकर सवाल किया गया था।