हिसार से राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा का बड़ा बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हास्यप्रद बताया। उन्होंने कहा कि भूपेंद्र हुड्डा यह क्यों नहीं कहते कि कांग्रेस सरकार आने पर किसी दलित या किसी ब्राह्मण या किसी अन्य पिछड़े वर्ग के व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाएंगे। उनके बयान का मतलब है कि मुख्यमंत्री तो हुड्डा खुद ही रहेंगे वह कोई और नहीं बन सकता। उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा जो उनके लिए प्रचार करते फिर रहे हैं, मैं उनसे भी पूछना चाहता हूं कि वह कुमारी सैलजा का टिकट कटवाकर खुद राज्यसभा सांसद बन गए। अब वही लोग अनुसूचित वर्ग से उपमुख्यमंत्री बनाने की बात करते हैं
राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि जब दीपेंद्र सिंह हुड्डा को राज्यसभा सांसद बनाया गया, तब कांग्रेस को किसी ब्राह्मण की याद नहीं आई। रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि इस परिवार का एक ही स्वभाव रहा है कि एक ही जाति के लिए काम करो और बाकी जातियों को लॉलीपॉप पकड़ाते रहो। इस सरकार में रामचंद्र जांगड़ा बैकवर्ड वर्ग से राज्यसभा सांसद बन सकते हैं। कृष्ण लाल पंवार अनुसूचित वर्ग से सांसद बन सकते हैं। जब कोई हक या अधिकार देने की बात आती ,है तो हुड्डा को अपना बेटा याद आता है, लेकिन सत्ता के लालच में वह कोई भी लुभावना वादा कर सकते हैं। लोग अब उनके असली चेहरे को पहचान चुके हैं और लोग अब उनके खोखले दावों में आने वाले नहीं है।
कांग्रेस के पास नहीं कोई नेतृत्व करने वाला
रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि हमने कभी जाति की बात नहीं सोची, क्योंकि साम्राजिक समरसता के बिना कोई सफल नहीं हो पाता। विशेष जाति की बात करना गलत है, इसका परिणाम है कि आज कांग्रेस एक बड़ी पार्टी होते हुए नीचे खिचक चुकी है, जिसका आज देश में कोई स्थान नहीं है। कांग्रेस के पास न कोई नेतृत्व करने वाला है और न ही कोई नियति व नीयत है। मैं हुड्डा को कोई चैलेंज नहीं मारता, इसकी कोई लीडरशिप नहीं है और न ही कभी होगी।
प्रबल दावेदारों को नहीं मिली टिकट
वहीं रामचंद्र जांगड़ा ने अपनी ही भाजपा पार्टी पर टिकट वितरण को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि हमारी ही सरकार की ओर से 75 पार का नारा दिया गया था और उस 75 पार के नारे को हम सफल भी कर सकते थे, लेकिन 2019 में टिकट वितरण गफलत होने के कारण हम 75 पार के नारे को पूरा नहीं कर पाए। गोहाना से मैं चुनाव जीत सकता था, लेकिन मेरी भी टिकट कट गई। वहीं प्रदेश में ऐवे बहुत से प्रबल दावेदारों को टिकट नहीं मिली, जिनको जनता पसन्द करती है।