हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अपना बयान लिखकर विवाद खड़ा कर दिया है। विज ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि जब दिवाली का त्योहार श्रीराम के चौदह साल के वनवास काटकर वापस अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है, तो दिवाली पर हर दुकान पर श्रीराम की मूर्ति क्यों नहीं दिखती। दिवाली तो श्रीराम के अयोध्या आगमन पर मनाई जाती है। फिर लोग दिवाली पर लक्ष्मी जी की पूजा क्यों करते हैं?
अकसर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने दिवाली पर मां लक्ष्मी पूजन पर सवाल उठाकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। अनिल विज ने लिखा है कि दिवाली तो श्रीराम के अयोध्या आगमन पर मनाई जाती है। फिर लोग दिवाली पर लक्ष्मी जी की पूजा क्यों करते हैं? विज ने आगे लिखा कि एक बात समझ नहीं आती कि लोग श्रीराम जी के 14 वर्ष बाद अयोध्या वापस लौटने के कारण दिवाली मनाते हैं, लेकिन पूजा लक्ष्मी जी की करते हैं।
अनिल विज ने लिखा है कि बाजार में भी प्रत्येक दुकान पर लक्ष्मी जी की प्रतिमा तो मिल रही है, लेकिन राम जी की प्रतिमा किसी-किसी दुकान पर है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि ऐसा क्यों? अगर प्रभु राम जी खुश हो जाएं तो फिर बाकी सब कुछ तो अपने आप आ जाता है। विज के यह बयान कोई नए नहीं हैं। इससे पहले भी वह कुछ ऐसे बयान दे चुके हैं। जिनको लेकर काफी विवाद हो चुका है।
पीएम को राष्ट्रपिता से बता चुके बड़ा ब्रांड
प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से बड़ा ब्रांड बता चुके हैं। अनिल विज का यह बयान उस वक्त आया था, जब खादी ग्रामोद्योग के कैलेंडर में से गांधी की तस्वीर नदारद थी। उनकी जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर कैलेंडर में लगाई गई थी। इस तस्वीर में प्रधानमंत्री चरखा चलाते हुए दिखाई दे रहे थे। हालांकि उनके बयान की आलोचना होने के बाद अनिल विज ने ट्वीट कर अपना बयान वापस ले लिया था।
पहले भी गृह मंत्री के इन बयानों पर हो चुका है विवाद
नंबर 1
गृह मंत्री अनिल विज के वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद हुए शिमला समझौते पर भी सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने कहा कि राजनेता युद्ध के मैदान में सैनिकों द्वारा जीती जंग शिमला समझौते की मेज पर हार गए। हमारे पास 93 हजार युद्धबंदी थे। हम चाहते तो उनको छोड़ने के बदले में पाक अधिकृत कश्मीर (POK) ले सकते थे, लेकिन हमने कोई मोलभाव नहीं किया। यह बड़ी भूल थी, जिसका खमियाजा आज तक भुगत रहे हैं। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनकी अगुवाई वाली सरकार को कठघरे में खड़ा किया, जिन्होंने युद्ध के बाद 2 जुलाई 1972 को पाकिस्तान के जुल्फिकार अली भुट्टो के साथ शिमला समझौते पर साइन किए थे।
नंबर 2
गृह मंत्री अनिल विज संस्कृत के मंत्रों की शादी को अवैध बता चुके हैं। विज ने वर्ष 2017 में कहा था कि संस्कृत के मंत्रों से कराई गई शादियां अवैध हैं, क्योंकि संस्कृत न तो दूल्हे को समझ आती है और न दुल्हन को। ऐसे में इस तरह कराई जाने वाली शादियों को वैध नहीं ठहराया जा सकता।
नंबर 3
गृह मंत्री अनिल विज ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) की प्रमुख ममता बनर्जी के बारे में कहा था कि अगर वह भारत में जन्म लेने पर शर्मिंदा हैं तो उन्हें समुंद्र में कूद जाना चाहिए।
आप नेताओं ने उठाए सवाल, गुप्ता बोलें धर्म लोगों का स्वैच्छिक विषय
विज के बयान के बाद आम आदमी पार्टी (आप) नेताओं ने उनके बयान पर सवाल उठाए हैं। आप के प्रदेशाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता का कहना है कि धर्म लोगों का स्वैच्छिक विषय है। गृह मंत्री को यह बताने और सिखाने का कोई हक नहीं है कि लोग त्योहार कैसे मनाएं। सब लोग सकारात्मक होकर दीवाली पर्व पर सुख-समृद्धि और शांति के लिए मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। माता सीता ही मां महालक्ष्मी का अवतार हैं।
सुशील गुप्ता का कहना है कि भाजपा के मंत्री दिवाली जैसे पावन पर्व को लेकर लोगों में संदेह पैदा कर मां लक्ष्मी का अपमान कर रहे हैं। राम के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकने वाली भाजपा धर्म के नाम पर लोगों में शंका पैदा कर रही है। भगवान राम के आदर्शों का पूरे विश्व में बोलबाला है। स्वास्थ्य मंत्री राम की अवहेलना कर रहे हैं।
अगर यही सवाल दूसरा उठाता तो हिंदू विरोधी कहलाता : सरवारा
आप की प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा सरवारा ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए गृह मंत्री अनिल विज से अपने बयान पर माफी मांगने की अपील की है। सरवारा का कहना है कि मां लक्ष्मी के अपमान के लिए विज तुरंत माफी मांगे। उन्होंने प्रभु श्रीराम से प्रार्थना की कि वह आपको सद्बुद्धि दें। चित्रा सरवारा ने कहा कि उन्हें देवियों से ऐसी एलर्जी क्यूं है। मां सरस्वती तो आजकल रुष्ठ लग ही रही हैं, कहीं मां लक्ष्मी भी न रूठ जाएं। चित्रा सरवारा का कहना है कि अगर यही सवाल कोई दूसरा करता तो हिंदू विरोधी कहलाता। गृह मंत्री के इस अटपटे बयान से हरियाणा की जनता में बेहद रोष है।