मेरी आवाज सुनो जींद में हुई रैली को सफल बनाने पर अपने कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करने चौधरी बीरेंद्र सिंह पूर्व विधायक प्रेमलता सिंह एवं हिसार लोकसभा सांसद बृजेंद्र सिंह पहुंचे। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा कि देश के वैज्ञानिकों, तकनीक के माहिर विद्ववानों ने चांद पर जो चंद्रयान-3 भेजा, उसकी पूरी दुनिया में धूम मची। 2 अक्टूबर की जो जींद रैली थी, उसमें उमड़ी भीड़ हरियाणा का चंद्रयान बन गई। ये सब हमारे कार्यकर्ताओं की मेहनत से हुआ। मेरी किस्मत में लिखा है कि जब राज में होता हूं, तो रैली छोटी होती है, लेकिन बिना राज मैं जब रैली करता हूं, तो रिकॉर्ड तोड़ होती है।
राजीव गांधी महाविद्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए खुद को राजनीति का शेर बताते हुए बीरेंद्र सिंह ने कहा कि जो सांसद बृजेंद्र सिंह ने बकरी वाली कहानी सुनाई थी। इस कहानी में अपनी कहानी में थोड़ा फर्क है। इस कहानी में तो छोटा बच्चा था, शेर का अपने वाली (खुद बीरेंद्र सिंह) राजनीति कहानी है, उसमें तो पलेपलाए शेर को बकरी बनाने की सोचते है। न्यू मैं थोड़े काबू आऊ। राजनीति मान्यताएं है कि हम किसी से दब कर राजनीति नहीं करते है। खुलकर ईमानदारी, सच्चाई की राजनीति करते है। हमेशा मेरा सिद्धांत रहा है कि गरीब के साथ खड़े होकर लड़ाई लड़ता हूं, इसका मेरे को नुकसान भी उठाना पड़ा है।
हरियाणा के बड़े गांवों में करेंगे कार्यक्रम
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेरे साथियों ने दिन-रात मेहनत करके बिना झंडे, डंडे और नेता के जींद की धरा पर ऐतिहासिक रैली करने का काम किया। जींद की रैली में उमड़ी भीड़ ने हमारी राजनीति में ताकत दिखाने का काम किया। राजनीति में सबसे पहले खुद मजबूत होना पड़ता है फिर सब बातें सिर चढ़ती है। जींद रैली में उमड़ी भीड़ ने साबित किया कि राजनीति में जो लोग ईमानदारी, किसान, ईमानदारी से राजनीति करते है उनसे लोग कभी पीछे नहीं हटते।
हरियाणा में जितने बड़े गांव, ऐसा तूफान लेकर आएंगे
हरियाणा में 6500 से अधिक गांव है। हरियाणा के जितने बड़े गांव है वहां ऐसा तूफान लेकर आएंगे कि ये चर्चा बने कि राजनीति में वोट लेना, जितना, हारना, राज बनाना, राज करना ये कोई जरूरी नहीं। सबसे जरूरी राजनीति से ऊपर उठकर गरीब, किसान, युवा को क्या चाहिए इस पर ध्यान हो। ये गांव चाहे 1700 हो या 3 हजार हर गांव में कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
बकरियों के बीच रहकर शेर का बच्चा भूल जाता है अपनी दहाड़।
भेड़ों के झुंड में दिखाई दिया जवान शेर
बिना किसी का नाम लेते हुए सांसद बृजेंद्र सिंह ने एक कहानी के माध्यम बताया कि जंगल में गडरिया था, उसे जंगल में शेर का बच्चा लावारिस मिला। शेर के बच्चे को वो अपने साथ ले आया। जो उसका भेड़ों का झूंड था, उनके साथ उसे छोड़ दिया। समय के साथ वो बड़ा होकर जवान शेर हो गया, लेकिन उसका जो स्वभाव था वो भेड़ों वाला बन गया। एक दिन बड़ा शेर निकल रहा था, तो उसकी नजर पड़ गई। भेड़ों के झूंड में जवान शेर उसे दिखाई दिया। वो झूंड की तरफ आया तो शेर देखकर सब भागने लगे। शेर ने जो भेड़ों के साथ शेर था उसे दबोच लिया।
शेर उस शेर को अपने साथ तालाब पर ले जाता है जहां उसको उसकी परछाई दिखा कर उसे बताया कि वो शेर का बच्चा है भेड़ों के बीच रहकर भेड़ों जैसा स्वभाव हो गया। वो पहली बार दहाड़ा तो उसकी आवाज नहीं निकली लेकिन फिर दहाड़ा तो उसकी आवाज शेर की तरह निकली। बीरेंद्र सिंह ने हमें भेड़ों के बीच रहने वाले शेर की ताकत का अहसास करवा दिया है क्योंकि बकरियों के बीच रहकर अपनी ताकत को भूलने लगे थे। पूर्व विधायक प्रेमलता ने कहा कि 2 अक्टूबर को जींद में हुई रैली में उमड़ी महिलाओं की भीड़ ने अपनी जागरूकता को साबित किया है। हलके में जो सखी-सहेली मिलन कार्यक्रम आयोजित हुआ उसका असर नजर आया।
बाइक रैली में शामिल होने वालों को बांटे हेलमेट
राजीव गांधी महाविद्यालय उचाना में सांसद बृजेंद्र सिंह द्वारा सांसद निधि के तहत तीन पंचायतों के सरपंचों को पानी के टैंकर दिए। करसिंधु, डूमरखा कलां, छातर की पंचायत को पानी के लिए टैंकर दिए। इससे पहले हलके की 23 पंचायतों को पानी के टैंकर दिए गए। जो पंचायत रह गई है उनको भी जल्द सांसद निधि से पानी के टैंकर दिए जाएंगे। हिसार लोकसभा के जिस भी हलके से पानी के टैंकर, ओपन जिम सहित अन्य मांगे आ रही है उनको पूरा करने का काम किया जा रहा है।
सांसद बृजेंद्र सिंह ने कहा कि ये जो पानी के टैंकर सिर्फ उन गांवों के लिए नहीं है, जहां पानी की कमी है, बल्कि ये सभी गांवों के लिए है। गांव में सार्वजनिक कार्य के लिए पानी की जरूरत पडने पर टैंकर से पानी लेकर आया जा सकता है। निरंतर इस मुहिम को आगे बढ़ाया जा रहा है। उचाना हलके सहित आस-पास के हलकों में निकाली गई मेरी आवाज सुनो जींद रैली के लिए बाइक रैली में शामिल हुए बाइक सवारों को सांसद द्वारा हेलमेट बांटे गए। सांसद ने कहा कि हेलमेट बिना पहने बाइक न चलाए क्योंकि कोई दुर्घटना अगर घट जाती है तो हेलमेट से बचाव होता है। जान है तो जहान है। जीवन की सुरक्षा की सबसे बड़ी चाबी सावधनी है। यातायात के नियमों का पालन करना चाहिए।